स्टार्टअप्स और एमएसएमई बनेंगे आत्मनिर्भर भारत की पहचान : PM मोदी

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि हमारी सरकार का ये लगातार प्रयास है कि जहां संभव हो वहां प्राइवेट उद्यम को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। लेकिन इसके साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा क्षेत्र की देश में महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त क्षेत्र पर एक वेबिनार में कहा कि आक्रामक तरीके से ऋण प्रदान करने के नाम पर एक दशक पहले बैंकिंग क्षेत्र को नुकसान हुआ था। प्रधानमंत्री ने बैंकों से कर्ज देने के नियमों पर कहा कि सही नियत से लिए गए निर्णयों के साथ खड़े होने को हम तैयार हैं। सरकार समझती है कि सभी कारोबारी उद्यम सफल नहीं होते। सरकारी बैंकों के निजीकरण, जीवन बीमा निगम का आईपीओ तथा बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने से वित्तीय क्षेत्र के लिए सरकार की नीति का पता चलता है। 

पीएम मोदी ने कहा कि देश के फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर सरकार का विजन बिल्कुल साफ है। देश में कोई भी डिपॉजिटर हो या कोई भी इनवेस्‍टर, दोनों ही ट्रस्‍ट और ट्रांसपेरेंसी अनुभव करें, ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नॉन-ट्रांसपेरेंट क्रेडिट कल्चर से देश को बाहर निकालने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं। अब NPAs को कार्पेट के नीचे दबाने के बजाये, उसे यहां-वहां दिखाकर बचने के बजाये, 1 दिन का NPA भी रिपोर्ट करना ज़रूरी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के पुराने तौर-तरीकों और पुरानी व्यवस्थाओं को बदला जा रहा है। 10-12 साल पहले अक्रामक ऋण देने के नाम पर कैसे देश के बैंकिंग सेक्टर को, फाइनेंशियल सेक्‍टर को नुकसान पहुंचाया गया, ये आप अच्छी तरह जानते भी हैं, समझते भी हैं। सामान्य परिवारों की कमाई की सुरक्षा, गरीब तक सरकारी लाभ की प्रभावी और लीकेज फ्री डिलिवरी, देश के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निवेश को प्रोत्साहन, ये हमारी प्राथमिकता हैं।

पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत, हमारे MSMEs से बनेगा, हमारे Start Ups से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत सिर्फ बड़े उद्योगों या बड़े शहरों से नहीं बनेगा। आत्मनिर्भर भारत गांव में, छोटे शहरों में छोटे-छोटे उद्यमियों के, सामान्य भारतीयों के परिश्रम से बनेगा। आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से बनेगा।  

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