भुवनेश्वर। नुआपड़ा उपचुनाव से पहले ओडिशा की सियासत में हलचल तेज हो गई है। स्वर्गीय राजेंद्र ढोलकिया के पुत्र जय ढोलकिया ने आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। राजधानी भुवनेश्वर स्थित पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री के. वी. सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल, मंत्री सूरज सूर्यवंशी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में जय का पार्टी में स्वागत किया गया।
जय के भाजपा में शामिल होने से नुआपड़ा की चुनावी तस्वीर बदलती नजर आ रही है। उनके पिता की राजनीतिक विरासत और स्थानीय सहानुभूति उन्हें इस क्षेत्र का मजबूत उम्मीदवार बना सकती है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कुछ सप्ताह पहले नुआपड़ा में स्वर्गीय राजेंद्र ढोलकिया के परिवार से मुलाकात कर संवेदना जताई थी। उन्होंने कहा था कि राजेंद्र सिर्फ नेता नहीं थे, वे मेरे घनिष्ठ मित्र थे। उनके निधन के बाद ही राजनीतिक विश्लेषकों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि जय पिता की राह पर चलते हुए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
बीजू जनता दल (बीजेडी) की गतिविधियों में जय की दूरी और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से उनकी मुलाकात ने संकेत दे दिए थे कि उनका टिकट मिलने की संभावना मजबूत है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भाजपा उन्हें उम्मीदवार बनाती है, तो नुआपड़ा का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।
स्थानीय समर्थक भी उम्मीद जता रहे हैं कि जय अपने पिता की अधूरी योजनाओं और जनता की सेवा की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। बीजेडी के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है, वहीं भाजपा के लिए यह एक नए अवसर की तरह दिखाई दे रहा है।
अब सबकी नजरें भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पर हैं कि क्या जय को आधिकारिक तौर पर उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। ऐसा होने पर नुआपड़ा उपचुनाव सीधे बीजेडी और ढोलकिया परिवार की विरासत के बीच मुकाबला बन जाएगा।