बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू में सियासी भूचाल मचा हुआ है। पार्टी के भागलपुर सांसद अजय मंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर सांसद पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। अजय मंडल का आरोप है कि सीट बंटवारे के दौरान उनकी राय नहीं ली गई, इसलिए उनका पद बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं बचा।

जेडीयू के 12 सांसदों की मौजूदगी केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण है, ऐसे में चुनाव से ठीक पहले सांसद की नाराजगी को राजनीतिक तनाव के रूप में देखा जा रहा है।

धरने और नाराजगी का दौर
कुर्था से संभावित उम्मीदवार पप्पू वर्मा को टिकट दिए जाने के विरोध में रिंकू कुशवाहा, पत्नी पूर्व विधायक सत्यदेव सिंह, ने सीएम आवास के बाहर धरना शुरू कर दिया। इसी तरह गोपाल मंडल भी मुख्यमंत्री आवास के बाहर बैठकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और टिकट बंटवारे में कथित अनुचित प्रथाओं पर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि नीतीश के करीबी नेताओं की टिकट काटी जा रही है ताकि भविष्य में पार्टी छोड़ने की स्थिति में उनके लिए रास्ता आसान हो।

सीट बंटवारे में NDA में भी पेंच
जेडीयू के भीतर की नाराजगी के अलावा एनडीए गठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ा है। तारापुर, सोनबरसा, राजगीर और मोरवा सीटों पर पेंच फंसा है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी को तारापुर से उतारने की तैयारी थी, लेकिन नीतीश की आपत्ति के बाद उनकी जगह पटना की कुम्हरार या पटना साहिब पर विचार किया जा रहा है। चिराग पासवान को दी गई तीन सीटें – सोनबरसा, राजगीर और मोरवा – नीतीश वापस लेना चाहते हैं। सोनबरसा से जेडीयू के रत्नेश सदा संभावित उम्मीदवार हैं।

इस पूरे घटनाक्रम से पार्टी में खींचतान और चुनावी रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं, और सीट बंटवारे का अंतिम फैसला अब तक लंबित है।