गया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा का 18वां अध्यक्ष चुन लिया गया है। उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है। यह उनके लिए नवीं बार विधानसभा चुनाव जीतने का मौका है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में उनका चयन निर्विरोध हुआ, और इस पद को लेकर जनता दल यूनाइटेड और भाजपा के भीतर किसी प्रकार का विवाद नहीं देखा गया।

विशेष सत्र के पहले दिन, सोमवार को प्रोटेम स्पीकर के समक्ष तेजस्वी यादव और मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने विधायक के रूप में शपथ ली। इसके बाद उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन दाखिल किया और आज उन्हें निर्विरोध चुना गया।

पृष्ठभूमि और परिवार
डॉ. प्रेम कुमार गया शहर के अंदर स्थित गया इलाके की नई सड़क में रहते हैं। वे कहार जाति से हैं, जो चंद्रवंशी समुदाय से आती है। परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। दोनों संतानें शादीशुदा हैं, और बेटा भारतीय जनता युवा मोर्चा का पदाधिकारी है।

सुलभ और जनता के निकट रहने के कारण डॉ. प्रेम कुमार लगातार 35 वर्षों से अपनी विधानसभा सीट पर विजयी रहे हैं। 1990 में उन्होंने गया टाउन विधानसभा सीट पर पहली बार जीत दर्ज की थी और तब से अब तक कभी हार नहीं मानी।

सियासी सफर
1980-85 के दशक में गया टाउन क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 1990 में डॉ. प्रेम कुमार ने भाजपा के लिए इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत की। उनके सामने कई बार सीपीआई और कांग्रेस के उम्मीदवार रहे, लेकिन वे हर बार भारी मतों से विजयी रहे। 2015 से लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी खड़े होने के बावजूद डॉ. प्रेम कुमार को स्पष्ट अंतर से जीत हासिल होती रही।

उनकी राजनीतिक स्थिरता और लगातार जीत ने उन्हें गया टाउन विधानसभा का स्थायी चेहरा बना दिया है, और अब वे बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नयी जिम्मेदारी संभालेंगे।