बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। महुआ सीट से स्वयं हारने के बावजूद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रदर्शन पर तंज कसते हुए कहा कि जनता ने साफ संदेश दे दिया है कि अब राजनीति परिवारवाद से नहीं बल्कि सुशासन और शिक्षा पर आधारित होगी।

JJD के फेसबुक पेज पर तेज प्रताप यादव ने लिखा, “हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है। हारकर भी हम जीत गए क्योंकि बिहार ने स्पष्ट कर दिया कि जनता अब बदलाव चाहती है।” उन्होंने आरजेडी की हार पर टिप्पणी करते हुए कहा, “यह जयचंदों की हार है। हमने पहले ही कहा था कि इस चुनाव के बाद बिहार से कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और आज इसका परिणाम सबके सामने है। जनता का प्यार और भरोसा मेरे साथ है, लेकिन सच यह है कि अंदर से आरजेडी कमजोर हो गई, इसलिए तेजस्वी फेल हुए।”

जनता के लिए हमेशा खुले रहेंगे दरवाजे
तेज प्रताप ने कहा, “जो लोग अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही घर में आग लगाते हैं, इतिहास उन्हें माफ़ नहीं करेगा। हार और जीत अलग चीज़ें हैं, लेकिन सच्चा इरादा और मेहनत ही असली जीत है। महुआ की जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए मैं निरंतर प्रयास करता रहूंगा। चाहे मैं विधायक बनूं या न बनूं, मेरे दरवाज़े जनता के लिए हमेशा खुले रहेंगे।”

सुशासन को जनता ने खुले दिल से स्वीकारा
एनडीए सरकार की जीत को लेकर तेज प्रताप यादव ने कहा, “बिहार ने सुशासन को चुना है और इसका हम सम्मान करते हैं। जनता के हित में हर कदम पर हम रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। यह जीत हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार BJP के मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मेहनत का परिणाम है। नीतीश कुमार के सुशासन को जनता ने खुले दिल से अपनाया है।”

NDA की एकता बनी जीत का सबसे बड़ा कारण
तेज प्रताप ने आगे कहा, “इस चुनाव में NDA की अटूट एकता सबसे बड़ी वजह रही। गठबंधन की सभी पांच पार्टियां ‘पांच पांडव’ की तरह एकजुट होकर लड़ीं, और जनता ने इस एकता को समर्थन देकर सफलता में बदल दिया। यह जीत विकास, सुशासन और जनता के विश्वास की जीत है। बिहार की युवा शक्ति और मातृ शक्ति का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। आपने मुझे जो प्यार दिया, वही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है। हम जनता की आवाज़ बनकर और भी मजबूत होकर वापस आएंगे।”