जिलाभर में लगातार बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। कई कच्चे मकान और ग्रामीण इलाकों के घर प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे अधिक तबाही सड़क नेटवर्क को हुई है। जिला मुख्यालय कठुआ का सभी सब-डिवीजनों से संपर्क कट गया है।
जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे के समानांतर चलने वाली सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण धार सड़क मार्ग, लखनपुर-महानपुर और दियालाचक-छलां मार्ग बंद हैं। सीमावर्ती इलाकों से सांबा तक जोड़ने वाला ओल्ड सांबा-कठुआ मार्ग भी बंद हो गया है। महानपुर का बसोहली से और बसोहली का बनी से संपर्क पूरी तरह कट चुका है।
शनिवार देर रात से हुई मूसलाधार बारिश के कारण जिले की सभी नदियाँ और नाले उफान पर आ गए। बनी में सेवा, कठुआ में उज्ज, सहार और मग्गर खड्ड, तथा हीरानगर में तरनाह का जलस्तर भी खतरे के निशान तक पहुंच गया। तरनाह का जलस्तर सुबह आठ बजे तीन फीट पार कर गया, जो शाम तक दो फीट पर स्थिर हुआ।
उज्ज दरिया में बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ। सुबह नौ बजे जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंचा और दोपहर तक ग्रामीण इलाकों को खाली कराए जाने का अलर्ट जारी किया गया। सहार और मग्गर खड्ड भी उफान पर रहे, जिससे कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा।
सड़कें भारी प्रभावित
टिकरी मोड़ के पास बनी-बसोहली मार्ग भूस्खलन की चपेट में आ गया और सड़क का लगभग 50 मीटर हिस्सा खाई में गिर गया। इससे बनी और बसोहली के बीच संपर्क टूट गया। महानपुर-बसोहली मार्ग में दन्नी क्षेत्र में सड़क का हाल ही में बहाल किया गया हिस्सा भी फिर से क्षतिग्रस्त हो गया। लखनपुर-महानपुर मार्ग पर भूस्खलन और जगह-जगह मलबा गिरने के कारण यातायात पूरी तरह ठप है। बिलावर-दियालाचक मार्ग पर छोटे वाहनों को अनुमति देने के कुछ ही दिन बाद मार्ग फिर से बंद हो गया।
रंजीत सागर बांध का जलस्तर खतरे के करीब
रंजीत सागर झील का जलस्तर 527 फीट के खतरे के निशान के करीब पहुँच गया है। भारी बारिश के कारण रविवार को जलस्तर डेढ़ फुट बढ़कर शाम छह बजे 526 फीट पार कर गया। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। मंडला में बाढ़ के बाद 148 लोगों को राधास्वामी सत्संग भवन में सुरक्षित ठहराया गया।
महानपुर में भूस्खलन से स्कूल इमारत जमींदोज
महानपुर के कैलड़ी इलाके में भारी भूस्खलन हुआ, जिससे सरकारी स्कूल पुंखर की इमारत और टॉयलेट कॉम्प्लेक्स जमींदोज हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, स्कूल छुट्टी पर था, इसलिए बड़ा हादसा टल गया।
प्रशासन और पुलिस लगातार नुकसान का आंकलन कर रहे हैं और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम जारी है।