महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बयान देकर सियासी हलचल तेज कर दी। पुणे में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन के पहले ही दिन भारत को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। चव्हाण के अनुसार 7 तारीख को हुई करीब आधे घंटे की हवाई मुठभेड़ में भारतीय पक्ष की स्थिति कमजोर रही और कई विमानों को निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा कि उस समय भारतीय वायुसेना को एहतियातन अपने विमान जमीन पर ही रखने पड़े। चव्हाण का तर्क था कि यदि ग्वालियर, बठिंडा या सिरसा जैसे एयरबेस से उड़ान भरी जाती, तो पाकिस्तान की ओर से विमानों को मार गिराए जाने का खतरा काफी अधिक था। इसी वजह से वायुसेना ने उड़ान नहीं भरी।
चव्हाण ने आधुनिक युद्ध की प्रकृति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दो-तीन दिनों में सेना की जमीनी स्तर पर एक किलोमीटर भी मूवमेंट नहीं हुई और पूरा संघर्ष हवाई व मिसाइल युद्ध तक सीमित रहा। उनके मुताबिक आने वाले समय में युद्ध इसी तरह लड़े जाएंगे। ऐसे में उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या देश को वास्तव में 12 लाख सैनिकों वाली पारंपरिक सेना की जरूरत है या सैनिकों की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित किया जाना चाहिए।
इसके साथ ही चव्हाण ने एक बार फिर बड़ा राजनीतिक दावा करते हुए कहा कि जल्द ही देश को नया प्रधानमंत्री मिल सकता है और इस बार नेतृत्व महाराष्ट्र से हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद में बदलाव होगा। यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके चव्हाण के दिल्ली में मजबूत राजनीतिक संपर्क माने जाते हैं, इसलिए उनके इस बयान को कई नेताओं ने गंभीरता से लिया है।
इतना ही नहीं, चव्हाण ने अमेरिकी दस्तावेजों का हवाला देते हुए एक और सनसनीखेज दावा किया। उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को अमेरिका में कुछ अहम दस्तावेज सार्वजनिक होंगे, जिनसे वैश्विक स्तर पर हलचल मच सकती है। उनके अनुसार इन दस्तावेजों में कई राजनीतिक नेताओं से जुड़े कथित स्टिंग ऑपरेशन सामने आ सकते हैं, जिनका असर भारत की राजनीति पर भी देखने को मिलेगा।