ठिठुरती सर्दी के बीच प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ब्राह्मण विधायकों की हालिया बैठक के कुछ ही दिन बाद अचानक दिल्ली का रुख किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थों पर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ इसे उप मुख्यमंत्री के बढ़ते राजनीतिक कद से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे भाजपा की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं।

प्रदेश में कुल 52 ब्राह्मण विधायक हैं, जिनमें 46 भाजपा के हैं। कुछ दिन पहले ठाकुर समाज के विधायकों की बैठक हुई थी, उसके बाद 23 दिसंबर को ब्राह्मण समाज के विधायकों की बैठक हुई। इसी राजनीतिक पृष्ठभूमि में ब्रजेश पाठक की अचानक दिल्ली यात्रा पर कयास लगाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात और सियासी चर्चा
बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ आए और राष्ट्र प्रेरणा स्थल का लोकार्पण किया। इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी मौजूद थे। वहीं, देर शाम पता चला कि पाठक दिल्ली पहुँच चुके हैं। अगले दिन उनकी प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिससे कयासबाजी और तेज हो गई।

कुछ विश्लेषक इसे उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और ब्राह्मण समाज में उनके सशक्त चेहरे के रूप में देख रहे हैं। भले ही वह समाज की विधायकों की बैठक में उपस्थित नहीं थे, प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात को उसी संदर्भ से जोड़ा जा रहा है।

पाठक का पक्ष
ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात केवल शिष्टाचार के तहत हुई है और उन्होंने उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को उनके बहुमूल्य समय के लिए धन्यवाद भी कहा। उन्होंने यह भी बताया कि चार जनवरी को वाराणसी में नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप का आयोजन है, जिसका निमंत्रण उन्होंने वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी के साथ प्रधानमंत्री को दिया।