समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने सरकार से अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तीखा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें किसी तरह की सुरक्षा की आवश्यकता नहीं थी, तब सरकार ने सुरक्षा क्यों दी? आजम ने बताया कि जब उन्हें सुरक्षा दी गई थी, तब उन्होंने लिखित रूप में सरकार से पूछा था कि इसका कारण क्या है, लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला।
"अगर सुरक्षा दी जाती है, तो पूरी तरह दी जाए"
रविवार को मुरादाबाद पहुंचे आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें पहले वाई श्रेणी सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब उनके पास कोई सुरक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि “अगर सरकार सुरक्षा दे रही है तो उसे आधा-अधूरा नहीं, पूरी तरह से देना चाहिए।”
बिहार को बताया जंगलराज, चुनाव प्रचार से बनाई दूरी
बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाए जाने के बावजूद प्रचार से दूर रहने के सवाल पर आजम खान ने कहा कि “बिहार में इस वक्त जंगलराज है, वहां अकेले जाना सुरक्षित नहीं है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भरोसा है कि जल्द ही बिहार में जंगलराज खत्म होगा।
उन्होंने बिहार के लोगों से अपील की कि वे लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखें और किसी के झूठे वादों या जज्बाती नारों में न आएं। आजम ने कहा, “जब तक इंसानियत जिंदा रहेगी, मुल्क भी महफूज रहेगा।”
कार्यकर्ताओं से मुलाकात और शोक संवेदना व्यक्त की
अपने मुरादाबाद दौरे के दौरान आजम खान ने बिलारी विधायक हाजी मोहम्मद फहीम, कुंदरकी के पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान और कांठ विधायक कमाल अख्तर से मुलाकात की। वे बांग्ला गांव स्थित एक क्लीनिक भी गए, जहां उन्होंने अपने करीबी लोगों के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की।
इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष जयवीर यादव, हाजी उवैश, मोहम्मद फैजान, मोहम्मद अजीम, वसीम अहमद, अयाज, शोएब और शाहनवाज हुसैन सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पूर्व सांसद को नहीं मिली आजम के दौरे की जानकारी
दिलचस्प बात यह रही कि पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन को आजम खान के इस दौरे की जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें न तो कार्यक्रम की सूचना दी गई और न ही वे शहर में मौजूद थे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट कटने के बाद से ही डॉ. हसन आजम खान से नाराज बताए जा रहे थे। हालांकि जेल से रिहा होने के बाद दोनों नेताओं के बीच संबंधों में सुधार की खबरें आई थीं।
आजम खान ने कुछ समय पहले कहा था कि वह डॉ. हसन को उनके घर जाकर मना लेंगे, लेकिन मुरादाबाद दौरे पर दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी। इस बात की चर्चा सपा कार्यकर्ताओं के बीच भी खूब रही।