लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कोडीन सिरप रैकेट के संबंध में लगाए गए आरोपों पर कड़ा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभिक जांच में कुछ आरोपी और समाजवादी पार्टी से जुड़े व्यक्तियों के बीच संबंध सामने आए हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चल रही जांच से सच्चाई उजागर होगी।

शुक्रवार को विधानसभा में जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सबको पता है कि समाजवादी पार्टी का प्रदेश के विभिन्न माफिया तत्वों के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। एसटीएफ और जिला पुलिस की कार्रवाई में कुछ आरोपियों के संबंध एसपी से सामने आए हैं। जांच को आगे बढ़ने दें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कोडीन फॉस्फेट एनडीपीएस अधिनियम के तहत नियंत्रित दवा है, जिसका उपयोग खाँसी की सिरप बनाने में होता है। इसका आवंटन और लाइसेंस केवल अधिकृत दवा निर्माण के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा किया जाता है। हालांकि, अवैध व्यापार की शिकायतों के बाद राज्य सरकार ने एफएसएसएआई, जिला पुलिस और एसटीएफ के माध्यम से कार्रवाई की। इस कार्रवाई में कई गिरफ्तारियां हुईं और बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ। राज्य स्तरीय एसआईटी अभी भी मामले की निगरानी कर रही है और इसमें धन प्रवाह की जांच भी शामिल है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी आरोप लगाया कि कोडीन सिरप मामले में वांछित व्यक्तियों की कुछ तस्वीरें समाजवादी पार्टी से जुड़ी हैं। उन्होंने मीडिया को साझा की गई तस्वीरों के माध्यम से पार्टी से सवाल पूछा कि इन आरोपियों के साथ पार्टी का क्या संबंध है और उन्हें सम्मान क्यों दिया जा रहा है। पाठक ने कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच कर रही है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भ्रष्टाचार, अवैध गतिविधियों और माफिया तत्वों को नियंत्रित करने पर जोर देते हुए कहा, “जो लोग प्रदेश को कानून-व्यवस्था की अवहेलना की ओर धकेलने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। हमारी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”