सीओ अनुज चौधरी बोले मोहर्रम-जुलूस में न पेड़ कटेंगे न तार हटेंगे, कांवड़ यात्रा में..

उत्तर प्रदेश के संभल में अपने बयानों और फैसलों के कारण चर्चा में रहने वाले सीओ अनुज चौधरी ने इस बार मोहर्रम और कांवड़ यात्रा को लेकर खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि हिंदुओं के लिए भी आदेश जारी कर मामले को सुर्खियों में ला दिया है।

इस आदेश में सीओ ने स्पष्ट किया है कि इस बार मोहर्रम के दौरान कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और न ही बिजली की तारों को हटाया या काटा जाएगा। इसके अलावा, मोहर्रम के जुलूस में शामिल ताजिया की ऊंचाई को तय मानक यानी 10 फीट तक सीमित रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कांवड़ यात्रा में लगे डीजे की आवाज भी निर्धारित सीमा में ही रखने को कहा गया है, अन्यथा सख्त कार्रवाई होगी।

सीओ अनुज चौधरी ने कहा है कि ताजिया की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। मोहर्रम और सावन के समय आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा तथा गणेश चतुर्थी के मद्देनजर चंदौसी कोतवाली में शांति समिति की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न अधिकारियों के साथ सीओ भी मौजूद थे। बैठक के बाद जारी दिशा-निर्देश में इन नियमों को शामिल किया गया।

सीओ ने यह भी कहा कि मोहर्रम के दौरान न तो पेड़ काटे जाएंगे और न बिजली की लाइनों में कोई बाधा डाली जाएगी। कांवड़ यात्रा में लगे डीजे वालों को भी आवाज की सीमा का पालन करना होगा।

ताजिया निकालने वालों को लेकर सख्त निर्देश

सीओ अनुज चौधरी के इस फरमान के तहत, जो लोग पहले से ताजिया निकालते आ रहे हैं, वही इस बार भी ताजिया निकालेंगे। यदि वे किसी कारणवश ताजिया नहीं निकाल पाते, तो उनकी जगह कोई नया व्यक्ति ताजिया नहीं निकाल सकेगा। यह आदेश इस बार नए लोगों को ताजिया निकालने से रोकने के लिए जारी किया गया है।

प्रशासन की तैयारी

इस मौके पर एसडीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने भी मोहर्रम के जुलूस के दौरान लोगों की समस्याओं को सुनते हुए मार्गदर्शन दिया, ताकि जुलूस मार्ग पर किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

सीओ अनुज चौधरी का बयान

अपने विवादित बयानों के बावजूद, कई बार जांच में उन्हें क्लीन चिट मिली है। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो विभिन्न नजरिए से वायरल होते रहते हैं, कभी समर्थन में तो कभी आलोचना में। सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि उनका मकसद केवल प्रशासनिक कड़ाई और कानून व्यवस्था बनाए रखने का संदेश देना है, न कि खुद का प्रचार या विवाद खड़ा करना। उन्होंने बताया कि यह वीडियो मोहर्रम जैसे धार्मिक अवसर पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया था, न कि किसी राजनीतिक या सामाजिक एजेंडे के लिए।

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