कुख्यात कफ सिरप प्रकरण के आरोपी तथा एसटीएफ से बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के करीबी माने जाने वाले जेल वार्डर महेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। डीजी जेल पीसी मीना के निर्देश पर शनिवार रात यह कार्रवाई की गई। रविवार को जेल प्रशासन ने महेंद्र के घर पर निलंबन आदेश चस्पा कर औपचारिक सूचना भी दे दी। अचानक हुई इस कार्रवाई से जेल विभाग में खलबली मच गई है।
अंबेडकरनगर निवासी महेंद्र प्रताप सिंह राजधानी स्थित आदर्श कारागार (मॉडल जेल) में तैनात थे। सूत्र बताते हैं कि महेंद्र एक बाहुबली पूर्व सांसद के बेहद करीबी माने जाते हैं और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह से भी उनके घनिष्ठ संबंध हैं। फिलहाल आलोक सिंह मॉडल जेल से सटी जिला जेल में बंद है। शनिवार शाम सोशल मीडिया पर महेंद्र की सिरप कांड के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के साथ तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद मामला और गंभीर हो गया। इसके बाद डीजी जेल ने तत्क्षण सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।
मॉडल जेल के प्रभारी अधीक्षक राजेश पांडेय ने वार्डर के खिलाफ निलंबन की संस्तुति करते हुए मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी। इसके आधार पर वरिष्ठ अधीक्षक मुख्यालय शशिकांत सिंह ने देर रात महेंद्र को निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में यह उल्लेख किया गया है कि महेंद्र की पत्नी के बैंक खाते में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह द्वारा लाखों रुपये का लेनदेन किए जाने के प्रमाण मिले हैं। साथ ही यह आरोप भी है कि आरोपी गिरोह की 9777 सीरीज वाली सफेद लग्जरी एसयूवी का उपयोग महेंद्र और उसके करीबी करते थे।
जेल प्रशासन का कहना है कि कफ सिरप कांड के मुख्य आरोपी से वार्डर महेंद्र के संपर्क और संभावित मदद को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है और दोषी पाए जाने पर कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
महेंद्र के बाहुबलियों से पुराने संबंध
निलंबित वार्डर महेंद्र का बाहुबलियों से जुड़ाव कोई नया नहीं है। उन्नाव जिला जेल में तैनाती के दौरान वह पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का काफी करीबी माना जाता था। सेंगर के जेल जाने के बाद उसका संपर्क पूर्वांचल के एक बाहुबली पूर्व सांसद से बढ़ता गया। सोशल मीडिया पर पूर्व सांसद, आलोक सिंह, शुभम जायसवाल और अमित सिंह टाटा के साथ उसकी रीलें और तस्वीरें लगातार वायरल हो रही हैं, जो जांच का दायरा और बढ़ाती हैं।