वाराणसी। आजाद सेना के अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार को चौक थाने में दर्ज प्राथमिकी के तहत प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव मुकुल पांडेय की अदालत में पेश किया गया। अदालत में उनके वकीलों ने रिमांड का विरोध किया और दलील दी कि जिन धाराओं के तहत गिरफ्तारी की मांग की जा रही है, उनमें सजा सात साल से कम की है और गिरफ्तारी पर रोक है।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का न्यायिक रिमांड मंजूर किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में देवरिया जेल भेज दिया।
मामले का संक्षिप्त विवरण
चौक थाना क्षेत्र के बड़ी पियरी निवासी हिन्दू युवा वाहिनी के नेता अम्बरीष सिंह भोला ने 9 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप है कि 30 नवंबर को अमिताभ ठाकुर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन पर आपराधिक मामलों में संलिप्त होने के झूठे आरोप लगाए गए और बहुचर्चित कोडीन कफ सिरप मामले में उनकी संलिप्तता बताई गई। इससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।
इस मामले में अमिताभ ठाकुर, उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ चौक थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्हें पेशी के लिए गुरुवार को सेंट्रल जेल में रखा गया और शुक्रवार शाम अदालत में पेश कर उनका न्यायिक रिमांड बनवाया गया।
कोर्ट परिसर में सुरक्षा कड़ी
अदालत में पेशी के दौरान कोर्ट परिसर को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। रास्तों की घेराबंदी कर अमिताभ ठाकुर को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान एसीपी कैंट नितिन तनेजा, एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान, कैंट थाना प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्रा, रोहनिया इंस्पेक्टर राजू सिंह सहित पुलिस और पीएसी की बड़ी संख्या मौजूद रही। कचहरी के सभी गेट पर 100 से अधिक पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली।
अमिताभ ठाकुर का सुरक्षा आग्रह
कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान अमिताभ ठाकुर ने कहा कि पुलिस उन्हें देवरिया ले जाना चाहती है, जबकि रास्ते में 5-6 घंटे का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान उनके जानमाल को खतरा हो सकता है और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
यह मामला सोशल मीडिया पर लगाए गए झूठे आरोपों और कोडीन कफ सिरप मामले में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर है, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है।