मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की पहचान बने ‘वन डिस्ट्रिक्ट–वन प्रोडक्ट’ (ODOP) कार्यक्रम को अब नए रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। सरकार ने इसके अगले चरण ODOP 2.0 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसका मकसद पारंपरिक उद्योगों को आधुनिक बाज़ार, निर्यात और स्थायी रोजगार से जोड़ना है।

शुक्रवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने बदलते वैश्विक रुझानों, तकनीक, गुणवत्ता और पैकेजिंग को ध्यान में रखते हुए ODOP को और अधिक पेशेवर तथा परिणाम-केंद्रित ढंग से लागू करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि परंपरागत हस्तशिल्प और उत्पाद अब बड़े बाज़ारों में बेहतर संभावनाओं के साथ खड़े हों, यही सरकार का लक्ष्य है।

‘एक जनपद–एक व्यंजन’ का नया प्रस्ताव

बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की विशिष्ट खानपान परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए ‘एक जनपद–एक व्यंजन’ (ODOC) की अवधारणा को भी आगे बढ़ाने की ज़रूरत बताई।

उन्होंने कहा कि हर जिले की अपनी खास पाक परंपरा है—कहीं हलवा मशहूर है तो कहीं दालमोठ। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिलों के खास व्यंजनों की मैपिंग की जाए और उनकी पैकेजिंग, स्वच्छता, ब्रांडिंग और मार्केटिंग को मजबूत बनाया जाए।

मुख्यमंत्री के अनुसार ODOP और ODOC मिलकर उत्तर प्रदेश को ‘लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में निर्णायक बढ़त दिलाएंगे।

ODOP योजना की अब तक की उपलब्धियाँ

बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में शुरू हुई ODOP योजना ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है।

  • 1.25 लाख से अधिक टूलकिट वितरित

  • 6 हजार करोड़ से अधिक का ऋण वितरण

  • 8 हजार से ज्यादा उद्यमियों को प्रत्यक्ष मार्केटिंग सहायता

  • 30 साझा सुविधा केंद्र (CFC) स्वीकृत

  • 44 उत्पादों को जियोटैग मिलने का लाभ

  • राज्य के कुल निर्यात में ODOP का योगदान 50% से अधिक

  • लगातार दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

बैठक में कहा गया कि ODOP उत्पाद अब प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं और उनकी मांग लगातार बढ़ रही है।

ODOP 2.0: तकनीक, गुणवत्ता और ब्रांडिंग पर जोर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ODOP 2.0 को केवल एक योजना न मानकर इसे स्थायी रोजगार और मजबूत स्थानीय उद्योग का आधार बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को बड़ा प्लेटफॉर्म देने पर ध्यान दिया जाए, ताकि वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।

सरकार तकनीक, पैकेजिंग, गुणवत्ता और बाज़ार—चारों मोर्चों पर सुधार कर प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की रणनीति तैयार कर रही है।

कॉमन फैसिलिटी सेंटर होंगे और प्रभावी

मुख्यमंत्री ने CFC को अधिक उपयोगी बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि विशेषज्ञों को इनके साथ जोड़ा जाए ताकि डिजाइन, पैकेजिंग, तकनीकी परामर्श और उत्पादन से जुड़ी सेवाएँ उद्यमियों को एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकें।

बड़े रीटेल नेटवर्क से जुड़ेंगे यूपी के उत्पाद

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ODOP उत्पादों को पारंपरिक बाज़ारों तक सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें बड़े रीटेल चैनलों और आधुनिक मार्केट तक पहुँचाया जाए।

उन्होंने कहा कि देशभर में स्थापित हो रहे ‘यूनिटी मॉल’ में ODOP के समर्पित केंद्र खोले जाएँ और प्रमुख रिटेल नेटवर्क्स से संवाद कर यूपी के उत्पादों को प्रमुखता से प्रदर्शित कराया जाए।

बैठक में यह भी बताया गया कि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से उनका प्रमाणन और ब्रांड वैल्यू मजबूत की जाएगी ताकि वैश्विक बाजार में उत्तर प्रदेश के उत्पाद अलग पहचान बना सकें।