सिविल लाइंस थाने में दर्ज भड़काऊ भाषण के एक पुराने मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को अदालत से राहत मिली है। मंगलवार को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आजम खां को बरी कर दिया। यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए एक कथित भड़काऊ भाषण से जुड़ा था।
उस समय के एसडीएम सदर पीपी तिवारी ने आजम खां के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने विवादित टिप्पणी की थी, जिससे माहौल बिगड़ने की आशंका थी।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी। मंगलवार को जब फैसला सुनाया गया, उस वक्त आजम खां स्वयं अदालत में मौजूद रहे। न्यायिक मजिस्ट्रेट शोभित बंसल की अदालत ने यह कहते हुए उन्हें बरी कर दिया कि प्रस्तुत साक्ष्य आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
इस फैसले के साथ आजम खां के खिलाफ चल रहे एक और मुकदमे से राहत मिल गई है।