समाजवादी पार्टी ने प्रदेश स्तर पर महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने सभी जिला व विधानसभा क्षेत्र के नामित प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया है। यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर लिया गया। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव से पहले संगठन को नई ऊर्जा और धार देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
भाजपा पर साधा निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर आरक्षण और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में पिछड़े और दलित वर्ग के उम्मीदवारों का हक छीना गया है। उनका दावा है कि इन वर्गों को न्याय केवल पीडीए की सरकार बनने पर ही मिलेगा। उन्होंने भाजपा पर आर्थिक भ्रष्टाचार करने और आरक्षण व्यवस्था से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया।
किसान, शिक्षा और कानून-व्यवस्था पर हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से खाद का संकट बना हुआ है। किसानों की आय में कटौती कर उनकी लूट कई गुना बढ़ गई है। बांदा और हमीरपुर में नदियों की खुदाई कर पहाड़ों से ऊंचे बालू के टीले खड़े कर दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने विपक्षी नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कराए।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एक तरफ स्कूलों को बंद कर रही है, जबकि शराब की दुकानों की संख्या बढ़ा रही है। मौजूदा शासन में हर क्षेत्र में माफिया पनप रहे हैं।
संविधान संशोधन विधेयक पर प्रतिक्रिया
लोकसभा में पेश नए संविधान संशोधन विधेयक को लेकर अखिलेश ने कहा कि दुनिया की तमाम तानाशाह सरकारों ने समय-समय पर ऐसे ही कानून बनाए, ताकि वे सत्ता में बने रह सकें। लेकिन इतिहास गवाह है कि ऐसी कोई सरकार लंबे समय तक टिक नहीं पाई।