सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को हैदराबाद में आयोजित विजन इंडिया एआई समिट में कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जनसांख्यिकीय लाभांश से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने हेतु मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम और दूरदर्शी नीतियों की जरूरत है।

अखिलेश यादव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे गांवों और ग्रामीण समाज तक भी पहुंचाना बड़ी चुनौती है। इसके लिए ऐसी योजनाएं बनानी होंगी, जिनसे तकनीक आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन सके। उन्होंने डेटा सेंटर नीति पर भी बात करते हुए कहा कि इसका स्वरूप ऐसा होना चाहिए, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिले।

उन्होंने समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि डिजिटल डिवाइड को कम करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए गए थे और उत्तर प्रदेश में लाखों छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित किए गए थे, ताकि वे तकनीक से जुड़ सकें।

समिट के सुपर सेशन में प्रश्नोत्तर के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था को एआई से जोड़ा जा सके तो व्यापक बदलाव संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में एआई का उपयोग सकारात्मक और जनहितकारी दिशा में हो, इसके लिए स्पष्ट सिस्टम विकसित करना होगा। किसानों के लिए भी एआई उपयोगी साबित हो सकता है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश में तेजी से हो रहे शहरीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि बेहतर शहर ही बेहतर जीवनस्तर की नींव रखते हैं। ठोस कचरा प्रबंधन और कचरा संग्रहण में एआई के इस्तेमाल से व्यवस्थाओं में सुधार आ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में एआई अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए इसके संतुलित और नियंत्रित इस्तेमाल के लिए प्रभावी नीतियां बनाना जरूरी है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, सांसद राजीव राय और पूर्व मंत्री अभिषेक मंत्री सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।