न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से पहले अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े साजिश का खुलासा किया है, जिसमें देश के मोबाइल नेटवर्क को निशाना बनाया जाना था। यूएस सीक्रेट सर्विस ने 300 से अधिक सिम सर्वर और 1 लाख से ज्यादा सिम कार्ड जब्त किए हैं। ये उपकरण पूरे मोबाइल नेटवर्क को ठप करने और गुप्त टेलीफोनिक हमले करने में सक्षम थे।
अधिकारियों के अनुसार, इन उपकरणों का उपयोग न केवल मोबाइल टावरों को निष्क्रिय करने के लिए किया जा सकता था, बल्कि गुमनाम कॉल करने और खतरनाक साइबर हमले करने के लिए भी किया जा सकता था, जिससे अमेरिकी सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता था।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब दुनिया भर के नेता न्यूयॉर्क में UNGA में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। इसी मंच पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी दुनिया को संबोधित करने वाले हैं। ये उपकरण डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) हमले कर मोबाइल और इंटरनेट नेटवर्क को ठप कर सकते थे।
प्रारंभिक फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि इन उपकरणों के जरिए कुछ संचार विदेशी राष्ट्रों और पहले से संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े हो सकते हैं, जिससे यह शक गहराया है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी।
यूएस सीक्रेट सर्विस के डायरेक्टर सीन करन ने कहा कि इस तरह की साजिशें अमेरिकी टेलीकॉम ढांचे को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एजेंसी की प्राथमिकता ऐसे खतरों को समय रहते खत्म करना है और किसी भी दुश्मन को यह संदेश देना है कि अमेरिका की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा।
पूर्व में भी ऐसे संदिग्ध घटनाक्रम सामने आए हैं, जिसमें अज्ञात लोगों ने व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ सूसी वाइल्स और विदेश मंत्री मार्को रुबियो का रूप धारण कर गुमनाम कॉल और संदेश भेजे थे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार जून में ऐसे ही एक मामले में रुबियो का नाम लेकर सिग्नल अकाउंट बनाकर तीन विदेशी मंत्रियों, एक अमेरिकी गवर्नर और एक कांग्रेस सदस्य से संपर्क साधा गया था, जो साइबर खतरों की बढ़ती जटिलता को दर्शाता है।