ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने आक्रामक रवैया दिखाते हुए मेघालय में कांग्रेस पार्टी के अंदर बड़ी सेंध लगाई और राज्य की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में 18 में से 12 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. इस उलटफेर से कांग्रेस बेहद नाराज है, और उसकी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर हमला करते हुए कहा कि टीएमसी की ओर से यह साजिश सिर्फ मेघालय में ही नहीं बल्कि अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी रची जा रही है.
मेघालय में कांग्रेस के 12 विधायकों के टीएमसी में शामिल होने के मामले पर अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से कहा, ‘कांग्रेस को तोड़ने की ये साजिश सिर्फ मेघालय में ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में हो रही है. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती देता हूं कि पहले उन्हें टीएमसी के चुनाव चिह्न पर चुनवाएं और फिर औपचारिक रूप से अपनी पार्टी में उनका स्वागत करें.’
सोनिया से मिलतीं ममता तो PM मोदी नाराज हो जातेः अधीर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजधानी दिल्ली में होने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की. ममता के सोनिया गांधी से नहीं मिलने के सवाल पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर वह (ममता बनर्जी) अभी सोनिया गांधी से मिलती हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हो जाएंगे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके भतीजे को तलब किए जाने के तुरंत बाद उनकी हरकतें बदल गईं है. इससे पहले उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बीजेपी के खिलाफ मिलकर लड़ने की बात कही थी.
अधीर रंजन चौधरी ने प्रशांत किशोर पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब कुछ प्रशांत किशोर और टीएमसी के नए नेता लुइजिन्हो फलेरियो कर रहे हैं. हमें इसकी जानकारी थी.
12 विधायकों के पाला बदलने से कांग्रेस कमजोर!
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कल बुधवार रात कांग्रेस पार्टी को मेघालय में करारा झटका लगा है. मेघालय में कांग्रेस के 18 में से 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. बताया जा रहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत 12 कांग्रेसी विधायक अब टीएमसी में शामिल हो चुके हैं, इस बड़े बदलाव के बाद मेघालय में कांग्रेस की जगह तृणमूल कांग्रेस अब मुख्य विपक्षी दल बन गया है.
मेघालय में 60 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायक भारतीय जनता पार्टी के समर्थन वाले NDA गठबंधन के हैं. जबकि कांग्रेस के राज्य में कुल 18 विधायक थे, जिनमें से अब 12 विधायक तृणमूल कांग्रेस में चले गए हैं. हालांकि इन बागी विधायकों की संख्या पार्टी के कुल विधायकों के दो तिहाई के बराबर है. ऐसे में इन विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा.