केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर सड़क हादसे के पीड़ितों को तुरंत इलाज मुहैया कराया जाए, तो सालाना लगभग 50,000 जीवन बचाए जा सकते हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे हादसे के शिकार लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने और उपचार में मदद करें।
गोल्डन ऑवर में इलाज सबसे महत्वपूर्ण
गडकरी ने FICCI द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में बताया कि एम्स की रिपोर्ट के अनुसार करीब 30 प्रतिशत मौतें इसलिए होती हैं क्योंकि मरीज को हादसे के बाद के पहले घंटे यानी “गोल्डन ऑवर” में समय पर इलाज नहीं मिल पाता। इस समय में तत्काल चिकित्सा सहायता मिलने पर जीवन बचाने की संभावना सबसे अधिक होती है।
राह वीरों को मिलेगा पुरस्कार और सुरक्षा
मंत्री ने कहा कि सड़क हादसों में मदद करने वाले “राह वीरों” के लिए कानूनी सुरक्षा की सुविधा है और उन्हें 25,000 रुपये तक का इनाम भी दिया जाएगा। इसके अलावा, हादसे के शिकार लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज या सात दिन तक मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
तुरंत इलाज से आधी मौतें टली जा सकती हैं
कानून आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क हादसों में होने वाली 50 प्रतिशत मौतें समय पर इलाज से रोकी जा सकती हैं। इसी वजह से सरकार ने राज्यों में एम्बुलेंस तैनात करने पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि हादसे के तुरंत बाद राहत पहुंचाई जा सके।
पांच राज्यों में सबसे अधिक हादसे
गडकरी ने कहा कि तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में मौतों की संख्या में कमी नहीं आई है। उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं। उन्होंने सभी से मिलकर इस गंभीर समस्या से निपटने की जरूरत जताई।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर जांच होगी
मंत्री ने घोषणा की कि सरकार अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर होने वाले घातक हादसों की जांच कराएगी। इस दिशा में पहले ही 77 ऐसे हाईवे हिस्सों की पहचान की गई है जहां सबसे अधिक जानलेवा हादसे दर्ज किए गए हैं।