कांग्रेस ने अपने विधायक बसवराजु वी. शिवगंगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चन्नागिरी से विधायक शिवगंगा ने हाल ही में दावा किया था कि दिसंबर के बाद उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। इस टिप्पणी से पार्टी के भीतर नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गईं, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे।
दावणगेरे में मीडिया से बातचीत के दौरान दिए गए इस बयान को लेकर पार्टी की राज्य अनुशासन समिति ने कड़ा रुख अपनाया। समिति के समन्वयक निवेदित अल्वा ने नोटिस में कहा कि विधायक का बयान संगठन में भ्रम और असहजता पैदा करने वाला है और यह गंभीर अनुशासनहीनता है।
सात दिन में जवाब तलब
नोटिस के अनुसार, शिवगंगा को सात दिन के भीतर अपना पक्ष रखना होगा। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में भी इस तरह की गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस नेतृत्व पहले भी विधायकों को हिदायत दे चुका है कि मुख्यमंत्री पद और नेतृत्व परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बोलने से बचें।
शिवकुमार ने जताई नाराज़गी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी इस बयान को अनुशासनहीनता बताया। उन्होंने कहा कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद विधायक अनुचित बयान दे रहे हैं। शिवकुमार ने कहा, “मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। सभी को अनुशासन का पालन करना होगा। पार्टी उचित कदम उठाएगी।”
अंदरूनी खींचतान पर फिर उठे सवाल
विधायक का यह बयान और उस पर पार्टी की प्रतिक्रिया से एक बार फिर कर्नाटक कांग्रेस की आंतरिक स्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर पहले भी चर्चाएं हो चुकी हैं। पार्टी का मानना है कि ऐसे संवेदनशील विषयों पर सार्वजनिक बयानबाजी से विपक्ष को राजनीतिक लाभ मिल सकता है।