झारखण्ड में ज्यादा दुर्घटना वाले स्थलों के पास बनेंगे ट्रॉमा सेंटर,ब्लैक स्पॉट चिह्नित करके लिस्ट विभाग को देने के निर्देश जारी

राज्य में जिन जगहों पर ज्यादा दुर्घटना होती है, उसके आसपास प्राथमिकता के आधार पर ट्रॉमा सेंटर बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को वैसी सड़कें एवं ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने का निर्देश दिया है, जहां अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, ऐसे स्थलों पर ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में प्राथमिकता देने को कहा है। 

मुख्यमंत्री गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए नया स्वरूप देने का निर्देश दिया है। रिम्स को विकसित करने के लिए उन्होंने मास्टर प्लान बनाने का निर्देश दिया है।

हालांकि बैठक के दौरान रिम्स के विकास को लेकर रिम्स प्रबंधन द्वारा प्रजेंटेशन भी दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री ने नए सिरे से मास्ट प्लान बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही दुमका, हजारीबाग व पलामू मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के नामांकन पर लगी रोक को दूर करने के लिए दाखिले में आ रही अड़चनों को अविलंब दूर करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिला से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की हिदायत दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को सामान्य चिकित्सा सुविधा उनके पास के अस्पतालों में ही उपलब्ध करायी जाए। जब तक उन्हें विशेष चिकित्सा की जरूरत न हो उन्हें मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जाना न पड़े। इसके लिए पंचायत के स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।  

जीपीएस युक्त होंगे सभी एंबुलेंस, एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगे 

मरीजों की सुविधा के लिए राज्य में संचालित सभी एंबुलेंस एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के एंबुलेंस को जीपीएस सुविधा से लैस करते हुए एक प्लेटफॉर्म में लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने निजी एंबुलेंस के लिए कार्य के बदले भुगतान करने की व्यवस्था करने का आदेश भी दिया है। 

बैठक के दौरान बताया गया कि फिलहाल राज्य में संचालित 108 सेवा एंबुलेंस को जीपीएस से युक्त किया गया है। जल्द ही राज्य के सभी ममता वाहन व सरकारी एंबुलेंस चाहे व अस्पताल में या अन्य सेवाओं में संचालित हैं, उन्हें जीपीएस से लैस किया जाएगा। उसके बाद उबेर की तरह सभी एंबुलेंस को एक प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया जाएगा। ताकि कोई भी व्यक्ति एक ही जगह फोन कर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त कर सके। एंबुलेंस के लिए मरीजों को समय न गंवाना पड़े।

निजी नर्सों का तैयार करें डाटाबेस

मुख्यमंत्री ने निजी अस्पतालों में कार्यरत नर्सों का डाटा बेस तैयार करने की बात भी कही है ताकि, उनकी संख्या का सही आकलन हो सके। साथ ही नर्सिंग के क्षेत्र में पुरुषों को भी प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है, ताकि जरूरत के अनुसार विभिन्न अस्पतालों में उनसे कार्य लिया जा सके। 

विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने एमजीएम, जमशेदपुर के निर्माणाधीन भवन और दुमका, हजारीबाग, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम में निर्माणाधीन फार्मेसी संस्थानों के कार्यों की प्रगति की जानकारी भी ली। साथ ही मेडिकल कॉलेज में पठन पाठन की व्यवस्था, पीजी और एमबीबीएस सीटों की स्थिति, मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा शिक्षकों के स्वीकृति एवं रिक्त पदों का विवरण के साथ ही टेली मेडिसिन, ई-संजीवनी, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना आदि विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी ली। 

समीक्षा बैठक में ये थे शामिल

समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, निदेशक रिम्स डॉ कामेश्वर प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, जेसैकस के परियोजना निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह, प्रबंध निदेशक जेएमएचआईपीडीसीएल नैंसी सहाय एवं अन्य शामिल थे।

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