कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से दो समाचार मिले। एक समाचार अति सुखद, उत्साहवर्द्धक है तो दूसरा अति दुःखद, विषादजनक है।
एक समाचार में बताया गया है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने हवाई पट्टी पर विमान की भांति अंतरिक्ष यान उतारने का इतिहास रच दिया है। चन्द दिनों पूर्व इसरो के वैज्ञानिकों ने रॉकेट के जरिये 29 उपग्रह लाँच करने में सफलता प्राप्त की थी। ये सफलतायें हासिल करना भारत को गौरान्वित करता है।
पहला समाचार स्वदेशी तकनीक की सफलता से जुड़ा है, जबकि दूसरा कानून-व्यवस्था की विफलता से। कर्नाटक के रामनगर जिले में तथाकथित गौरक्षकों ने पशुओं से भरे ट्रकको रोक कर इदरीस पाशा नामक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी। इदरीश खुद को पशु व्यापारी बता रहा था और उसने तथा कथित गौरक्षकों को खरीद-फरोख्त के दस्तावेज भी दिखाये। आरोप है कि हत्यारे गौरक्षक उससे दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
यदि यह मान भी लिया जाए कि इदरीश पाशा पशु तस्कर था तो उसे मारने का अधिकार इन हैवानों को किसने दिया? कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। इन हत्यारों का नेतृत्व पुनीत केरेहल्ली नामक व्यक्ति कर रहा था। उसने और उसके साथियों ने घोर अपराध किया है। इन सब को तुरंत गिरफ्तार कर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिये। यह भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि भविष्य में देश के किसी भी कोने में इस प्रकार की पैशाचिकता न हो। चूंकि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना भाजपा शासित राज्य में हुई है, इस लिए केन्द्र की भी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने को सख्ती बरते।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’