यूपी पुलिस को लेकर उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी बयान को लेकर प्रदेश पुलिस ने कड़ी आपत्ति जताई है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने रतूड़ी के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए उनसे सवाल किया है कि क्या उनकी नजर में न्यायालय से सजा पाने वाले मुख्तार अंसारी, विजय मिश्रा या खनन माफिया और एक लाख का वांछित जफर और उधम सिंह नगर का वांछित ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख निर्दोष लगते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सिविल सर्वेंट को ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान देना शोभा नहीं देता है।
बता दें कि उत्तराखंड में अपराधी पकड़ने गई यूपी पुलिस की फायरिंग में एक महिला की मौत होने बाद मचे बवाल को लेकर राधा रतूड़ी ने कहा था कि यूपी पुलिस दोषियों की बजाय निर्दोष लोगों को पकड़ती है। निर्दोष लोगों को पकड़कर क्राइम केसों को सॉल्व करने का चलन बहुत ही गलत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यूपी पुलिस कई बार निर्दोष व्यक्ति को पकड़कर कहती है कि हमने क्राइम केस सॉल्व कर दिया, जो सरासर गलत है। एसीएस होम जैसे पद पर बैठी एक अधिकारी द्वारा दिए गए इस तरह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए यूपी पुलिस ने उत्तराखंड सरकार से ऐसे बयानों पर तत्काल रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि रतूड़ी का बयान बहुत ही आपत्तिजनक और खेदजनक है। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने अपराधियों और अपराध रोकने को लेकर देश के सामने एक नजीर रखा है और अपराध रोकने के मामले में यूपी जैसे संवेदनशील राज्य है। ऐसी स्थिति में उत्तराखंड की एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दिया गया बयान दुर्भाग्यपूर्ण हैं।