युवाओं की नई उड़ान !

विरोध के लिए विरोध करने का अभ्यस्त विपक्ष भले ही मोदी सरकार की विशेष उपलब्धियों को नकार दे किन्तु सामान्यजन यह अवश्य महसूस करते हैं कि सरकार लीक से हटकर जनहित में कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले रही है। हमारा उद्देश्य मोदी सरकार की योजनाओं का बखान करना नहीं वरन् एक छोटे से समाचार की ओर ध्यान आकर्षित करना है। 18 अगस्त को दिल्ली के एक समारोह में उन 22 अल्पसंख्यक कामयाब युवाओं को सम्मानित किया गया जो केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को कोचिंग में मदद के लिए आरंभ हुई है। ‘नई उड़ान’ नामक इस योजना की मदद से 145 अल्पसंख्यक युवक सिविल सर्विसेज के लिए चुने गए जिन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और खेल मंत्री किरन रिज्जू ने सम्मानित किया।

‘नई उड़ान’ के जरिये अल्पसंख्यकों, पिछड़ों तथा निर्धन वर्ग के युवक-युवतियों को जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता मिलेगा और उनकी ज़िंदगी की नयी राहें खुलेंगी। सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग की कन्याओं की बेहतरी के लिए कदम उठाए हैं। जम्मू कश्मीर में युवकों को सेना व पुलिस में भर्ती के लिए विशेष प्रयास किए हैं। हमारा विश्वास है कि ज्यूं ज्यूं तालीम बढ़ेगी त्यूं त्यूं जहालत भी घटेगी। अबतक अल्पसंख्यकों को मुख्य राष्ट्रीय धारा से अलग रखने की कोशिशें की गई हैं। यह संतोष का विषय है कि मदरसों की शिक्षा की वकालत करने वाले अब दुनियावी तालीम की भी बात करने लगे हैं। इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता कि ऊंची तालीम हासिल करने के बाद धार्मिक कट्टरता घटेगी और देश के प्रति लगाव व ज़िम्मेदारी बढ़ेगी। आज तो पढ़े लिखे और बड़े ओहदेदार ही सबसे ज्यादा घोटाले व घपले कर रहे हैं चाहे वे बहुसंख्यक वर्ग से ताल्लुक रखते हों या अल्पसंख्यक वर्ग से। इतना जरूर कहा जा सकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वालों का निजी जीवन स्तर जरूर ऊपर उठेगा। फिर भी हर शख्स से उम्मीद की जाती है कि दीन के साथ दुनिया के हित का भी ध्यान रखेगा और नेकनियती के रास्ते पर चलेगा।
तालीम का शोर इतना, तहजीब का गुल इतना
बरकत जो नहीं होती, नियत की खराबी है।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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