बिहार और तेलंगाना में गैर भाजपाई सरकारें है। इन्हें सिद्ध करना है कि वे हिन्दू विरोधी है और राष्ट्र विरोधी है। बिहार के कक्षा सात में एक प्रश्नपत्र में कश्मीर को भारत से अलग राष्ट्र दिखाया गया है यानि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है, अलग राष्ट्र है। बच्चों को सेक्युलर होने का पाठ पढ़ाने और पाकिस्तान की हाँ में हाँ मिलाने का यह सेक्युलरवादी तरीका है।
दूसरा समाचार तेलंगाना के अलियाबाद का है एक कन्या विद्यालय में हिन्दू लड़कियों को परिक्षा में बैठने के लिए इसलिए रोक दिया गया कि उन्होंने चूड़ियाँ व मंगलसूत्र पहने हुए थे, उनकी पायजेब तक उतरवा ली गयी तब परीक्षा केन्द्र में प्रवेश दिया गया। दुसरी ओर बुर्का हिजाब पहने मुस्लिम लड़कियों को न तो रोका गया, न ही उनकी तलाशी ली गयी। कुछ लड़कियों की चूड़िया तक मोल गयी। सेक्युलर का यह तरीका शायद पाकिस्तान में भी लागू न होता हो।
हिन्दू प्रतीकों और हिन्दू परम्पराओं का विरोध करना ही क्या सेक्युलरवाद है? कांग्रेस के नये अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पहले बयान में कहा है कि मोदी आगे बढ़ा तो देश में संनातन हिन्दू और आरएसएस हावी हो जायेंगे। तो क्या हिन्दू का बढ़ना देशद्रोह है। जो लोग हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति का आरोप लगाते है वे ही देश में हिन्दू-मुस्लिम करते रहे है और कर रहे है। खड़गे का बयान तथा बिहार व तेलंगाना की घटनाएँ इसका जीता-जागता उदाहरण है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’