नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की सीजीएल 2025 और अन्य परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं और कुप्रबंधन को लेकर शुक्रवार को अभ्यर्थियों ने आयोग पर कड़ा आरोप लगाया। प्रेस वार्ता में छात्र संगठन और परीक्षार्थियों ने एसएससी पर परीक्षा की अखंडता से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए हालिया परीक्षाओं को रद्द करने, छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने और छात्र आयोग बनाने जैसी मांगें रखीं।
अभ्यर्थियों ने अपने बयान में SSC सीजीएल 2025, स्टेनोग्राफर और चयन चरण की परीक्षाओं में सामने आई खामियों को प्रमुख मुद्दा बताया। प्रेस वार्ता में 16 महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया गया। इनमें स्टेनोग्राफर परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ी के बावजूद पुनः परीक्षा न कराने, जयपुर के उम्मीदवारों को दूरस्थ केंद्रों पर भेजे जाने, रोल नंबर की अधिक संख्या जारी करना, वेबकैम और सीसीटीवी निगरानी में चूक, पुनः परीक्षा के मानदंडों में अस्पष्टता, फीडबैक बटन की असफलता और आधिकारिक ईमेल पर जवाब न मिलना शामिल हैं।
विशेष रूप से पवन गंगा और लोटस लैब्स केंद्रों में अभ्यर्थियों के साथ मारपीट और अवैध हिरासत जैसी घटनाओं का उल्लेख किया गया, जिसमें एक महिला परीक्षार्थी पर सुरक्षा गार्ड द्वारा हमला भी शामिल है।
अभ्यर्थियों ने कहा कि तकनीकी समस्याओं के रूप में सामने आई परेशानियां असल में सिस्टम की विफलता हैं। कई परीक्षा केंद्र आवासीय भवन, बैंक्वे हॉल और अन्य गैर-तकनीकी जगहों पर आयोजित किए गए, जहां बिजली कटौती, खराब सिस्टम और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी समस्याएं रहीं।
राम नामक अभ्यर्थी ने कहा कि लाखों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है और आयोग को पूर्व-परीक्षा ऑडिट करना चाहिए था। अभिषेक चौधरी ने प्रश्न बैंक की जांच और अप्रत्याशित वेंडर के चयन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि कई शिफ्टों में 15 से अधिक गलत या तकनीकी रूप से अमान्य प्रश्न शामिल थे।
अभ्यर्थियों ने आयोग से जल्द सुधार और न्यायसंगत कार्रवाई की मांग की।