बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के वालुका क्षेत्र में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास (27) की पीट-पीटकर हत्या के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने बताया कि रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने इस घटना से जुड़े सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी से गहन पूछताछ की जा रही है और जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने दोहराया कि सांप्रदायिक हिंसा और नफरत फैलाने वाली घटनाओं के प्रति सरकार की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है।
विभिन्न स्थानों से की गईं गिरफ्तारियां
मुख्य सलाहकार के अनुसार, RAB-14 ने विशेष अभियान चलाकर अलग-अलग इलाकों से सात संदिग्धों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मोहम्मद लिमोन सरकार (19), मोहम्मद तारेक हुसैन, मोहम्मद मणिक मिया (20), इरशाद अली (39), निजुम उद्दीन (20), आलमगीर हुसैन (38) और मोहम्मद मिराज हुसैन अकोन (46) शामिल हैं।
सरकार का कड़ा रुख
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति के खिलाफ अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और मानवता पर सीधा हमला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कथित ईशनिंदा के आरोप में दीपू चंद्र दास की भीड़ ने हत्या कर दी थी और बाद में शव को आग के हवाले कर दिया गया था।
मुख्य सलाहकार की मीडिया टीम की ओर से जारी बयान में हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं की स्पष्ट शब्दों में निंदा की गई थी। साथ ही नागरिकों से अपील की गई थी कि वे उकसावे और नफरत को खारिज कर शांति व सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करें।