लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने रविवार को फिलिस्तीन एक्शन ग्रुप के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के दौरान नए प्रतिबंध कानून का उल्लंघन करने के आरोप में कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। इससे पिछले सप्ताह के अंत में गिरफ्तार 474 लोगों की संख्या 500 से ऊपर पहुंच गई। यह प्रदर्शन ब्रिटेन में फिलिस्तीन एक्शन के समर्थन में अब तक का सबसे बड़ा आयोजन था। हाल ही में ब्रिटिश सरकार ने फिलिस्तीन एक्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे इस समूह का समर्थन करना अपराध माना जाता है।
लंदन में हुए विरोध के दौरान कुल 522 लोगों को ब्रिटेन के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। इनमें से कई को प्रतिबंधित समूह का समर्थन करने के अलावा पुलिसकर्मियों पर हमले और अन्य अपराधों के आरोप में हिरासत में लिया गया।
रविवार को सैकड़ों इजरायल समर्थकों ने भी मध्य लंदन में मार्च निकाला, जिसमें उन्होंने गाजा में बंधकों की रिहाई की मांग की और मध्य पूर्व के संघर्ष में इजरायल का समर्थन जताया। फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच कई लोग फिलिस्तीन एक्शन के समर्थन में बैनर लेकर खड़े थे। गिरफ्तारी में शामिल लोगों की औसत उम्र 54 वर्ष थी, जिनमें 147 लोग 60 से 69 वर्ष की आयु वर्ग के थे। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि यह एक दशक में एक ही ऑपरेशन में हुई सबसे बड़ी संख्या में गिरफ्तारी है।
इस पुलिस अभियान का नेतृत्व उप सहायक आयुक्त एडे एडेलकन कर रहे थे, जिन्होंने बताया कि उनका मकसद कानून का निष्पक्ष पालन कराना, विरोधी पक्षों को टकराने से रोकना और सामान्य जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ब्रिटेन की गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा कि फिलिस्तीन एक्शन पर प्रतिबंध सुरक्षा कारणों से लगाया गया है क्योंकि इस समूह से हिंसा और गंभीर अपराध जुड़े हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके के प्रमुख साचा देशमुख ने कहा कि संसद स्क्वायर में हो रहे प्रदर्शन शांतिपूर्ण थे और उन्हें आतंकवादी कहना गलत है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को अपराधी मानने की बजाय इजरायल में हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए कार्रवाई करे और ब्रिटेन की कोई भी भागीदारी रोकने पर ध्यान दे।
गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को वेस्टमिंस्टर स्थित हिरासत केंद्रों में रखा गया है। जिनकी पहचान हुई, उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई है कि वे भविष्य में फिलिस्तीन समर्थन से जुड़े कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे, जबकि अन्य को अलग-अलग केंद्रों में रखा गया है।
जुलाई की शुरुआत में ब्रिटिश संसद ने फिलिस्तीन एक्शन समूह पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित किया था, जिसके तहत इस समूह का समर्थन करने पर 14 साल तक की जेल हो सकती है। विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में से एक, डिफेंड आवर ज्यूरीज के प्रवक्ता ने कहा कि फिलिस्तीन एक्शन के सदस्य और हाथ में बैनर लिए लोग किसी के लिए खतरा नहीं हैं।