नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने के लिए अगले सप्ताह अमेरिकी अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भारत आ सकता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह दौरा व्यापार समझौते के पहले चरण की अंतिम तैयारियों और चर्चा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। टीम के आगमन की तारीखें अभी तय की जा रही हैं।
टैरिफ विवाद के बाद फिर होगी यात्रा
इस यात्रा का महत्व इसलिए और बढ़ गया है क्योंकि इससे पहले अमेरिकी बाजार में भारतीय माल पर रूसी कच्चा तेल की खरीद के संदर्भ में 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त 25 प्रतिशत जुर्माने की व्यवस्था के बाद यह दूसरी यात्रा होगी। इससे पहले अमेरिकी दल 16 सितंबर को भारत आया था। इसके अलावा, 22 सितंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका का दौरा किया था। उनके साथ तत्कालीन विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी गए थे। (अग्रवाल अब भारत के वाणिज्य सचिव हैं)।
दो मुख्य वार्ता मुद्दे
भारत और अमेरिका इस समय दो स्तरों पर वार्ता कर रहे हैं—एक टैरिफ से संबंधित रूपरेखा समझौता और दूसरी व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौता। फरवरी में दोनों देशों के नेताओं ने अधिकारियों को BTA पर बातचीत करने का निर्देश दिया था। अब तक इस समझौते के छह दौर की बातचीत हो चुकी है।
इस समझौते का लक्ष्य द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है। मई की शुरुआत में पीयूष गोयल वॉशिंगटन गए थे और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से विस्तृत विचार-विमर्श किया था।
अमेरिका 2024-25 में लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा, और इस अवधि में द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की संभावना है, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब अमेरिकी डॉलर होगा।