नोबेल पुरस्कार पर नज़र: गाजा युद्ध विराम की कोशिश में जुटे ट्रंप

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के लिए अपनी कवायद तेज कर चुके हैं। ट्रंप की कोशिश इस बार गाजा युद्ध को रोककर इस पुरस्कार पर मजबूत दावा पेश करने की है। सोमवार (29 सितंबर) को राष्ट्रपति ट्रंप गाजा युद्ध के विराम को लेकर अहम बैठक करेंगे। प्रस्ताव तैयार हो चुका है और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सहमति मिलते ही इसे हमास के पास भेजा जाएगा।

अमेरिका का लक्ष्य है कि 1 अक्टूबर तक गाजा में युद्ध विराम हो जाए, क्योंकि 10 अक्टूबर को नॉर्वे स्थित नोबेल समिति इस साल के शांति पुरस्कार की घोषणा करेगी।

गाजा से ट्रंप की उम्मीदें
अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में 65,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। यूरोप और अरब देशों ने इस युद्ध के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, इजराइल को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। हाल ही में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि अगर ट्रंप गाजा युद्ध को रोकने में सफल रहे तो उन्हें नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने गाजा में शांति स्थापित करने की कवायद तेज कर दी। इसी कड़ी में इजराइल के प्रधानमंत्री को व्हाइट हाउस बुलाया गया।

नोबेल शांति पुरस्कार की शर्तें
नोबेल शांति पुरस्कार उन्हीं व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने, स्थायी सेनाओं को समाप्त या कम करने और शांति सम्मेलनों की स्थापना या संवर्धन में अहम भूमिका निभाई हो।

ट्रंप का दावा है कि राष्ट्रपति बनने के केवल सात महीने के भीतर ही उन्होंने सात युद्धों को रोका। हालांकि, पूर्व में उनके द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे बड़े संघर्षों को रुकवाने का दावा चुनाव से पहले किया गया था, जिसे वे अब तक पूरी तरह से लागू नहीं कर पाए हैं।

इस वर्ष नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का नाम कंबोडिया और पाकिस्तान समेत कई देशों ने नामित किया है। यूएन महासभा में अपने भाषण के दौरान ट्रंप ने भी अपनी इच्छा जाहिर की थी और कहा कि “यूएन का काम मैं कर रहा हूँ।”

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