लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अदियाला जेल से अपने हालात और देश की स्थिति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पाकिस्तान एक ‘हार्ड स्टेट’ यानी दमनकारी राष्ट्र बन गया है, जहां लोकतांत्रिक संस्थाओं और संविधान की गरिमा को कुचला जा रहा है।
इमरान खान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि असली ‘हार्ड स्टेट’ में संविधान, न्याय, कानून की सर्वोच्चता और नागरिक स्वतंत्रताएं बनी रहती हैं। लेकिन उनके अनुसार, आसिम मुनीर का ‘हार्ड स्टेट’ केवल बल और डर के जरिए लोकतंत्र के स्तंभों को खत्म करने का प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि अत्याचारों से राज्य की नींव कमजोर हो रही है।
जेल में उनके साथ बुरे व्यवहार का भी आरोप लगाया। इमरान खान ने कहा कि उन्हें अलग-थलग रखा गया है और जेल मैनुअल के तहत मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया गया है। पिछले 10 महीनों में उन्हें अपने बेटों से केवल एक बार सीमित समय के लिए बात करने की अनुमति मिली। साथ ही राजनीतिक सहयोगियों और वकीलों से मिलने में भी लगातार बाधाएं डाली जा रही हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने देश की मौजूदा सुरक्षा और राजनीतिक हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में खैबर पख्तूनख्वा में शांति थी और नीतियां प्रभावी थीं, लेकिन वर्तमान में स्थिति बिगड़ती जा रही है। अफगानिस्तान के साथ तनाव और नफरत के बढ़ने को उन्होंने खतरनाक बताया। उनका कहना है कि आतंकवाद के स्थायी समाधान के लिए केवल जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की नीतियां कारगर हो सकती हैं।
इमरान खान के करीबी सहयोगी जुल्फी बुखारी ने भी जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 29 अक्टूबर तक उन्हें पूरी तरह अलग रखा जाएगा। उनके परिवार और पत्नी बुशरा बीबी को भी अदियाला जेल में छह घंटे से अधिक इंतजार कराया गया और उनसे मिलने या दैनिक आवश्यक सामान देने की अनुमति नहीं दी गई। बुखारी ने इसे कैदी अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।