नई दिल्ली/एंटवर्प। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपी और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की एंटवर्प अदालत से करारा झटका लगा है। कोर्ट ने भारत सरकार के अनुरोध पर उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के अनुसार, अदालत ने माना कि बेल्जियम पुलिस द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी कानूनी रूप से सही थी।

शुक्रवार (17 अक्टूबर) को आए इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है। हालांकि अदालत के आदेश के बाद भी चोकसी को फौरन भारत नहीं भेजा जाएगा, क्योंकि उसके पास बेल्जियम की उच्च अदालत में अपील करने का विकल्प मौजूद है।

भारत की एजेंसियों को बड़ी राहत
अदालत ने कहा कि चोकसी की गिरफ्तारी और भारत का प्रत्यर्पण अनुरोध दोनों वैध हैं। इस निर्णय से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मजबूत कानूनी आधार मिला है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह फैसला प्रत्यर्पण प्रक्रिया की दिशा में “पहला बड़ा कदम” है।

13,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी
मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक में करीब 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में भारत से फरार हैं। चोकसी 2018 में देश छोड़कर एंटीगा और फिर बेल्जियम पहुंच गया था। भारत ने लंबे समय से उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी।

बेल्जियम के अभियोजकों ने अदालत को बताया कि चोकसी के फरार होने की आशंका अब भी बनी हुई है और उसे हिरासत से रिहा नहीं किया जा सकता। भारतीय विदेश मंत्रालय और सीबीआई ने अदालत में घोटाले से जुड़े दस्तावेज़ और सबूत पेश कर भारत के पक्ष को मजबूत किया।

अधिकारियों ने बताया कि अगर चोकसी की अपील खारिज होती है, तो आने वाले महीनों में उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।