बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या के मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की।

यूनुस के अनुसार, रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जबकि तीन आरोपियों की गिरफ्तारी स्थानीय पुलिस ने की है। सभी गिरफ्तारियां अलग-अलग स्थानों पर चलाए गए विशेष अभियानों के दौरान हुईं।

भीड़ के हमले में गई जान, शव जलाने का आरोप
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने दीपू चंद्र दास पर हमला किया। आरोप है कि युवक को बेरहमी से पीटा गया, इसके बाद उसके शव को पेड़ से लटकाकर आग के हवाले कर दिया गया। इस अमानवीय घटना ने देशभर में तीखी प्रतिक्रिया पैदा की है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
RAB द्वारा पकड़े गए आरोपियों में मोहम्मद लिमोन सरकार (19), मोहम्मद तारेक हुसैन (19), मोहम्मद मानिक मिया (20), इरशाद अली (39), निजुम उद्दीन (20), आलमगीर हुसैन (38) और मोहम्मद मिराज हुसैन अकोन (46) शामिल हैं। वहीं, पुलिस ने मोहम्मद अजमोल हसन सगीर (26), मोहम्मद शाहिन मिया (19) और मोहम्मद नजमुल को हिरासत में लिया है।

सरकार का आश्वासन
अंतरिम सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है। साथ ही अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की बात भी कही गई है।

अल्पसंख्यक संगठनों की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया है और आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

पहले से तनावपूर्ण माहौल
यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब देश छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद पहले ही तनाव के दौर से गुजर रहा है। हादी के निधन के बाद कई इलाकों में विरोध और हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय परिसर में कड़ी सुरक्षा के बीच उनका दफन किया गया, जबकि इससे पहले संसद भवन परिसर में जनाजे की नमाज अदा की गई थी।