गाजा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में हालिया हिंसा को लेकर कड़ा तेवर अपनाया और चेतावनी दी है कि यदि इसीलिएहमास समूह नागरिकों की हत्याएं और आंतरिक कत्लेआम करना बंद नहीं करता तो अमेरिका को “कार्रवाई करने” के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ट्रंप ने यह संदेश अपने सोशल प्लेटफार्म ट्रुथ पर पोस्ट कर दिया।

ट्रंप ने लिखा कि हालिया घटनाक्रम किसी समझौते का हिस्सा नहीं थे और यदि हमास ने अपने प्रतिद्वंदियों के खिलाफ हत्या और उत्पीड़न जारी रखा तो अमेरिकी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि या तो प्रतिद्वंद्वी हथियार डालें या उन्हें अमेरिका निःशस्त्र करने के लिए बाध्य करेगा — और यह कदम “बहुत जल्द” उठ सकता है। व्हाइट हाउस ने अभी तक इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सीजफायर के बाद मजबूती की कोशिशों के बीच उभरी नई तनातनी
यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप के मध्यस्थतावाली सीजफायर और बंधकों की रिहाई के समझौते के बावजूद गाजा में हमास के विभिन्न गुटों के बीच झड़पें और नरसंहार जैसी घटनाएं जारी हैं। शांति प्रक्रिया पर इस बढ़ती अशांति का नकारात्मक असर पड़ रहा है और क्षेत्रीय तनाव फिर से बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है।

इजराइल ने भी पोस्ट-सीजफायर रिटैलीएशन फ्रेमवर्क के तहत कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी है और पश्चिमी विश्लेषकों का मानना है कि रक्तपात बंद न होने पर यहां एक बार फिर व्यापक सैन्य कार्रवाई की आशंका रहती है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों की रिपोर्टों के अनुसार सीजफायर लागू होने के कुछ ही दिन बाद ही गाजा में कई निर्दोष लोगों की हत्या की घटनाएं दर्ज हुईं, जिससे शांति की वापसी मुश्किल दिख रही है।

स्थापित शांति कायम रखने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अब क्षेत्रीय और वैश्विक कूटनीतिक दबाव बढ़ने की संभावना है। विदेशी माध्यमों और अंतरराष्ट्रीय संस्था-रिपोर्टों में भी यह चिंता व्यक्त की जा रही है कि यदि स्थानीय स्तर के हिंसक समूहों पर काबू नहीं पाया गया तो हालात फिर से बिगड़ सकते हैं।