ईरान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि अमेरिका द्वारा किए गए हालिया सैन्य हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को व्यापक नुकसान हुआ है। बुधवार को ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माइल बाघेई ने यह पुष्टि करते हुए कहा, “यह स्पष्ट है कि हमारे परमाणु केंद्रों को बड़ा नुकसान हुआ है।” हालांकि उन्होंने इन केंद्रों की वर्तमान स्थिति या क्षति के स्तर पर विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया।
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि अमेरिका ने ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर बंकर बस्टर बम गिराए थे, जिससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गहरा झटका लगा। अब तेहरान की ओर से भी यह पुष्टि सामने आना इस आकलन को बल देता है।
ट्रंप बोले: संघर्षविराम ‘सभी की जीत’, परमाणु कार्यक्रम को पीछे धकेला
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हेग में नाटो देशों के नेताओं से मुलाकात के दौरान पत्रकारों से बातचीत में ईरान-इज़राइल संघर्षविराम को ‘सभी पक्षों की जीत’ बताया। उन्होंने कहा कि इज़राइल के पक्ष में सैन्य हस्तक्षेप का उनका निर्णय संघर्ष के अंत का कारण बना।
ट्रंप ने अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की उस प्रारंभिक रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा, “ये खुफिया रिपोर्टें निर्णायक नहीं हैं। यह हमला बहुत गंभीर था। ईरान की परमाणु गतिविधियां दशकों पीछे चली गई हैं।” साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि ईरान अब कूटनीतिक रास्ता अपनाएगा और परमाणु कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने से बचेगा।
ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर’: जानिए कैसे हुआ था यह गोपनीय हमला
पेंटागन ने खुलासा किया कि रविवार तड़के अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान के खिलाफ एक बड़े स्तर की गुप्त सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में 125 से अधिक अमेरिकी विमान शामिल थे, जिनमें बमवर्षक, फाइटर जेट, टैंकर और निगरानी विमानों की भागीदारी रही।
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन के अनुसार, हमला मुख्य रूप से फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु ठिकानों पर केंद्रित था। उन्होंने कहा, “हमने विशेष रूप से उन स्थलों को निशाना बनाया जो सीधे ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हुए थे, और अभियान इस तरह से संचालित किया गया कि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।”
इस हमले में अमेरिका के मिसौरी एयरबेस से उड़ान भरने वाले बी-2 स्टेल्थ बमवर्षकों का इस्तेमाल किया गया। इन विमानों ने 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बम गिराए, जो भूमिगत ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम होते हैं। यह मिशन स्थानीय समयानुसार शाम 6:40 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:10 बजे) शुरू हुआ और सात बजे तक सभी विमान ईरानी हवाई क्षेत्र से सुरक्षित निकल चुके थे। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह 9/11 के बाद बी-2 बमवर्षकों की सबसे लंबी और जटिल कार्रवाई मानी जा रही है।
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