पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर अब पूरी तरह भूमिगत हो गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में उनके परिवार के भारी नुकसान के बाद उन्हें सामने न आने की सलाह दी गई है। खुफिया जानकारी के मुताबिक भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अजहर पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं, जबकि पाकिस्तानी सेना किसी भी जोखिम से बचने के लिए उसे अपनी निगरानी में रख रही है।

अजहर की इस खामोशी ने जैश के आतंकी कार्यकर्ताओं में हताशा पैदा कर दी है। संगठन का मनोबल गिर रहा है और कई सदस्य अब इसे छोड़कर भागने लगे हैं। पहले अजहर की अनुपस्थिति में उसका भाई रऊफ असगर संगठन की गतिविधियों को संभालता था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में असगर की मौत ने जैश के लिए बड़ा झटका दिया।

संगठन अब एआई तकनीक का इस्तेमाल करके अजहर के वीडियो और तस्वीरें बनाकर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा है। इन वीडियो का उद्देश्य आतंकी कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना है और उन्हें यह भरोसा दिलाना है कि उनके सरगना सुरक्षित है।

अधिकारियों का कहना है कि जैश फिलहाल भारत के खिलाफ किसी दुस्साहसिक कदम को अंजाम देने की स्थिति में नहीं है। संगठन महिला शाखा और अन्य गतिविधियों को केवल प्रचार के माध्यम से बढ़ा रहा है। इस दुष्प्रचार का असर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के कुछ हिस्सों में भी देखा जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर नेतृत्व और तालिबान के साथ बिगड़ते संबंधों के चलते जैश के आतंकी अब अनुशासित नहीं रह पा रहे हैं। पाकिस्तान में सत्ता प्रतिष्ठान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अफगान तालिबान के साथ संघर्ष कर रहा है, जिससे जैश की स्थिति और अधिक अस्थिर हो गई है।