अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और पाकिस्तान के बीच 1.2 अरब डॉलर के वित्तीय समझौते पर कर्मचारी-स्तरीय (स्टाफ-लेवल) सहमति बन गई है। बुधवार को यह समझौता किया गया, जिसमें IMF के अधिकारी और पाकिस्तान सरकार दोनों पक्षों ने इस कर्ज के प्रावधान पर सहमति जताई। हालांकि, अंतिम मंजूरी अब IMF की कार्यकारी बोर्ड बैठक से मिलने की शेष है।

समझौते के तहत IMF पाकिस्तान को विस्तारित निधि सुविधा (EFF) के तहत 1 अरब डॉलर और लचीलापन और स्थिरता सुविधा (RSL) के तहत 20 करोड़ डॉलर उपलब्ध कराएगा। बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद यह राशि पाकिस्तान को जारी कर दी जाएगी।

IMF की अधिकारी पेट्रोवा ने बयान में कहा कि EFF के सहयोग से पाकिस्तान का आर्थिक कार्यक्रम व्यापक स्थिरता को बढ़ावा दे रहा है और बाजार में भरोसा बहाल कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2025 में चालू खाते में 14 वर्षों में पहली बार अधिशेष दर्ज किया गया, राजकोषीय प्राथमिक संतुलन लक्ष्य पार किया गया और मुद्रास्फीति नियंत्रित बनी रही। साथ ही बाहरी वित्तीय बफर्स मजबूत हुए और सॉवरेन स्प्रेड में गिरावट आई, जिससे वित्तीय स्थिति में सुधार दिखा।

हालांकि, पेट्रोवा ने आगाह किया कि हाल ही में आई बाढ़ ने देश की, विशेषकर कृषि क्षेत्र की, संभावनाओं को प्रभावित किया है, जिससे वित्त वर्ष 2026 का अनुमानित GDP लगभग 3.25-3.5 प्रतिशत तक गिर गया है।

IMF अधिकारियों ने पाकिस्तान की नीतिगत प्राथमिकताओं में प्रगति को भी सराहा और कहा कि देश ने EFF और RSF-समर्थित कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और संरचनात्मक सुधार जारी रखते हुए ठोस और विवेकपूर्ण आर्थिक नीतियों को बनाए रखने की पुष्टि की है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से गंभीर संकट से गुजर रही है और विदेशी कर्ज का भारी बोझ झेल रही है। ऐसे में IMF द्वारा यह वित्तीय सहायता देश के लिए राहत का काम कर सकती है।