पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) इन दिनों गहरे संकट से गुजर रही है। कंपनी के एयरक्राफ्ट इंजीनियरों ने तकनीकी मंजूरी प्रक्रिया रोक दी है, जिसके चलते सोमवार रात से एयरलाइन की अधिकांश अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हो गईं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, लाहौर, इस्लामाबाद और कराची एयरपोर्ट पर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में उमराह के लिए सऊदी अरब जा रहे तीर्थयात्री शामिल हैं। लाहौर से मदीना और कराची से जेद्दा के लिए निर्धारित उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
वेतन वृद्धि की मांग पर अड़े इंजीनियर
इंजीनियरों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान (SAEP) का कहना है कि उन्हें पिछले आठ वर्षों से वेतन वृद्धि नहीं मिली है। लंबे समय से काली पट्टी बांधकर विरोध जताने के बावजूद एयरलाइन प्रबंधन ने उनकी मांगों पर कोई वार्ता नहीं की।
अब पूर्ण कार्य बहिष्कार शुरू करने के बाद भी प्रबंधन के रुख में बदलाव नहीं दिखा है।
प्रबंधन ने चेताया, कहा—कानूनी कार्रवाई के लिए रहें तैयार
पीआईए के सीईओ ने इंजीनियरों की हड़ताल को “अवैध” करार देते हुए कहा कि एयरलाइन पर पाकिस्तान आवश्यक सेवा (रखरखाव) अधिनियम, 1952 लागू है, जिसके तहत इस प्रकार की हड़ताल मान्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इंजीनियर तत्काल काम पर नहीं लौटे, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
निजीकरण विवाद भी पृष्ठभूमि में
दूसरी ओर, एयरलाइन प्रवक्ता का कहना है कि यह आंदोलन वास्तव में पीआईए के प्रस्तावित निजीकरण को विफल करने की कोशिश है। वहीं, प्रबंधन अब दूसरी एयरलाइनों से इंजीनियरिंग सहायता लेकर विमानों की सेवाएं पुनः शुरू करने की कोशिश कर रहा है।
इस हड़ताल के कारण पाकिस्तान की राष्ट्रीय एयरलाइन एक बार फिर वित्तीय और परिचालन संकट की चपेट में आ गई है, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है।