इतिहास का सबसे बड़ा एससीओ शिखर सम्मेलन: तियानजिन में जुटेंगे 20 देशों के शीर्ष नेता

चीन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि इस महीने के अंत में होने वाला शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन होगा। यह बैठक 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर में होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 20 देशों के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

कौन होंगे शामिल
यह पांचवीं बार है जब चीन दस सदस्यीय एससीओ की मेजबानी कर रहा है। चीन के सहायक विदेश मंत्री लियू बिन ने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबावो सुबिआंतो, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह भी मौजूद रहेंगे।

अंतरराष्ट्रीय संगठन भी होंगे शामिल
दक्षिण एशिया से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भी भाग लेंगे। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और एससीओ महासचिव नुरलान यरमेकबायेव समेत 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे। इससे यह बैठक एससीओ के इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन बन जाएगी।

चीन दिखाएगा सैन्य ताकत
एससीओ की मौजूदा अध्यक्षता चीन के पास है। संगठन के सदस्य देशों में रूस, भारत, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, बेलारूस और चीन शामिल हैं। चीन इस सम्मेलन को अपने वैश्विक प्रभाव की झलक दिखाने का बड़ा अवसर मान रहा है। अधिकांश विदेशी नेता दो दिवसीय बैठक के बाद भी रुकेंगे, ताकि 3 सितंबर को बीजिंग में होने वाली चीन की सबसे बड़ी सैन्य परेड देख सकें। यह परेड जापानी आक्रमण और फासीवाद विरोधी युद्ध में जीत की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित होगी। इसमें अत्याधुनिक टैंक, लड़ाकू विमान, ड्रोन आधारित सुरक्षा प्रणाली और हाइपरसोनिक मिसाइलें प्रदर्शित की जाएंगी।

शी जिनपिंग करेंगे अध्यक्षता
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के प्रमुखों की परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। साथ ही वे ‘एससीओ प्लस’ बैठक का संचालन कर मुख्य भाषण देंगे। सम्मेलन के दौरान वे आए नेताओं के लिए स्वागत भोज और कई द्विपक्षीय वार्ताएं भी करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, यह सम्मेलन इस वर्ष चीन की सबसे अहम कूटनीतिक और घरेलू मेजबानी वाले आयोजनों में गिना जाएगा।

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