भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कराने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मसले पर कब तक चुप रहेंगे?
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की संभावना को रोक दिया था। उनका कहना था कि दोनों देशों से स्पष्ट शब्दों में कह दिया गया था कि यदि वे युद्ध जारी रखते हैं तो अमेरिका उनके साथ व्यापारिक संबंध नहीं रखेगा।
कांग्रेस ने उठाए सवाल, ट्रंप के दावों पर मोदी की चुप्पी क्यों?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस संबंध में कहा कि बीते 59 दिनों में ट्रंप ने कम से कम 21 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को रुकवाया था। उनका कहना है कि अमेरिका ने व्यापार को एक दबाव के रूप में इस्तेमाल कर दोनों देशों को संघर्ष विराम के लिए राज़ी किया।
जयराम रमेश ने कहा कि ट्रंप का संकेत साफ था—या तो युद्ध बंद करो, या फिर अमेरिकी बाजार और निवेश का नुकसान झेलो। उन्होंने यह भी कहा कि जब ट्रंप भारत और पाकिस्तान के साथ एक संभावित व्यापार समझौते की बात कर रहे थे, तभी उन्होंने यह बयान दोहराया। रमेश ने पूछा, “प्रधानमंत्री मोदी इस पर अब तक चुप क्यों हैं?”
संघर्ष विराम का फिर लिया श्रेय
डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को फिर से यह दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़े युद्ध की आशंका को टाल दिया गया। उन्होंने कहा, “हमने कई संघर्ष रोके हैं, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच की लड़ाई सबसे बड़ी थी। हमने दोनों से कहा कि अगर आप लड़ते रहे, तो अमेरिका उनके साथ किसी प्रकार का व्यापार नहीं करेगा।”
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि उनकी चेतावनी का असर हुआ और दोनों देशों ने तनाव कम किया। उन्होंने कहा कि अगर यह प्रयास न होता, तो मामला परमाणु स्तर तक पहुंच सकता था। ट्रंप का यह बयान मई से अब तक कई बार आ चुका है, जिसमें वह खुद को दक्षिण एशिया में शांति बहाली का श्रेय देते रहे हैं।
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