बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर समेत छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग (EC) ने कर दी है। साथ ही, आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जो 9 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे।

राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व-सत्यापन अनिवार्य
चुनाव आयोग के अनुसार, सभी राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दल तथा उम्मीदवार किसी भी इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार करने से पहले अपने राजनीतिक विज्ञापनों को मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) से पूर्व-सत्यापित कराएं। प्रत्येक राज्य और जिले में बनी MCMC टीम विज्ञापनों की जांच कर नियमों के अनुरूप मंजूरी देगी।


भ्रामक समाचार और पेड न्यूज पर सख्त निगरानी
MCMC संदिग्ध मामलों जैसे ‘पेड न्यूज’ और भ्रामक सामग्री पर कड़ी नजर रखेगी। सभी उम्मीदवारों को अपने सत्यापित सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी नामांकन दाखिल करते समय आयोग को देनी होगी।

चुनावी खर्च का विवरण देना अनिवार्य
सभी दलों और उम्मीदवारों को डिजिटल प्रचार पर हुए खर्च का विवरण भी साझा करना होगा। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सोशल मीडिया और इंटरनेट प्रचार पर हुए खर्च की पूरी जानकारी—जैसे इंटरनेट कंपनियों को भुगतान, प्रचार सामग्री तैयार करने का खर्च और सोशल मीडिया अकाउंट का संचालन खर्च—चुनाव समाप्त होने के 75 दिनों के भीतर आयोग को देना होगा।

चुनाव आयोग का यह कदम डिजिटल प्रचार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राजनीतिक विज्ञापन को ईमानदारी और नियमों के अनुरूप कराने की दिशा में उठाया गया है।