कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित की बात केवल कहती है, लेकिन असल में उसकी नीतियां अमीरों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि किसानों की जिंदगी ही आधी हो रही है।
तीन महीने में 767 किसानों की आत्महत्या
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जनवरी से मार्च के बीच राज्य में 767 किसानों ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि ये केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि सैकड़ों उजड़े परिवारों की कहानियां हैं। आत्महत्याओं के अधिकतर मामले विदर्भ क्षेत्र से सामने आए हैं। उन्होंने सरकार पर चुप्पी साधने और संवेदनहीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
सरकार का ध्यान किसानों से हटकर अमीरों पर केंद्रित
कांग्रेस सांसद ने कहा कि किसान महंगे बीज, उर्वरक और डीजल की मार झेल रहा है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब किसान कर्ज माफी की मांग करते हैं, तो उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। जबकि, बड़े उद्योगपतियों के अरबों रुपये के कर्ज आसानी से माफ कर दिए जाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अनिल अंबानी के ₹48,000 करोड़ के मामले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
“यह व्यवस्था किसानों को चुपचाप खत्म कर रही है”
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार की नीतियां किसानों की हालत सुधारने के बजाय उन्हें और अधिक कर्ज के जाल में फंसा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपने प्रचार अभियान में व्यस्त हैं, जबकि देश का अन्नदाता लगातार संघर्ष कर रहा है।
“कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़, लेकिन हो रही है कमजोर”
अपने एक हालिया सोशल मीडिया पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि भारत की कृषि व्यवस्था अब विदेशी निर्भरता के कारण कमजोर हो रही है। उन्होंने बताया कि देश में इस्तेमाल होने वाले 80% उर्वरक पहले चीन से आते थे, लेकिन अब आपूर्ति बंद हो चुकी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार को पहले से पता था कि चीन सप्लाई रोक सकता है, तो उसने इसके विकल्प की व्यवस्था क्यों नहीं की?
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