भारतीय गैंगस्टरों के विवाद अब अंतरराष्ट्रीय सरहदें पार कर अमरीका और दुबई तक पहुंचता दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच दुबई में हुई कथित हत्या का जिम्मा रोहित गोदारा समूह ने अपने ऊपर लेने का दावा किया है। पोस्ट में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के करीबी जोरा सिद्दू (सिप्पा) को दुबई में मार दिया गया है।
पोस्ट में रोहित गोदारा ने आरोप लगाया है कि जोरा सिद्दू ने उनके एक साथी को मरवाने के लिए जर्मनी भेजे हुए लोगों का सहारा लिया था और वह वर्षों से दुबई से ही लॉरेंस गिरोह के नाम पर धमकियां देता रहा। पोस्ट में आगे कड़ा संदेश दिया गया और कहा गया है कि अब कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं रहेगा। जहां-जहां भी उनके दुश्मन छिपेंगे, उन्हें निशाना बनाया जाएगा।
घोषणाओं और सोशल मीडिया दावों की प्रामाणिकता का फिलहाल स्वतंत्र जांच जारी है। अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि वायरल क्लिप और पोस्ट की आवाज़ व सामग्री असली है या उसमें छेड़छाड़ की गई है। डिजिटल फोरेंसिक, सीसीटीवी फुटेज और अंतरराष्ट्रीय समन्वय के जरिए तथ्य जुटाने का काम चल रहा है।
यह किसी एक सेंससस घटना से कहीं बढ़कर देखा जा रहा है: लॉरेंस बिश्नोई नेटवर्क और रोहित गोदारा से जुड़ी प्रतिद्वंद्विता पहले भी विदेशों में हिंसक घटनाओं के रूप में उभरी थी। हाल के समय में अमेरिका में भी इन गुटों से जुड़ी गोलीबारी की खबरें सामने आ चुकी हैं, जिनमें कुछ हमलों की जिम्मेदारी सोशल मीडिया के जरिए भी ली गई थी।
विशेष रूप से, ऐसा संकेत मिलता है कि प्रवासी या निर्वासित अपराधियों का नेटवर्क अब कई देशों में फैला हुआ है और स्थानीय सहयोगियों व हैंडलरों के जरिये ये गुट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं। इसी कारण वायरल धमकियों और दावों की सत्यता जानने के लिए दुबई पुलिस व भारत की प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय आवश्यक माना जा रहा है।
अधिकारियों का रुख फिलहाल सतर्क है: पहले प्रमाणों की वैधता की पुष्टि की जाएगी, फिर आवश्यक कानूनी/प्रवर्तनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अगर पोस्ट और क्लिप प्रमाणित होते हैं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गिरफ्तारी व कानूनी कदम उठाने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी और यह मामूली विवाद नहीं, बल्कि व्यापक गैंगस्टर नेटवर्क और उनके पार-सीमती प्रभाव की बड़ी जांच बनकर उभरेगा।