नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में स्वास्थ्य संबंधी कारणों और डॉक्टरों की सलाह का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति पद छोड़ने की बात कही। यह इस्तीफा उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत राष्ट्रपति को सौंपा।

धनखड़ ने राष्ट्रपति का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें कार्यकाल के दौरान सतत सहयोग और सम्मानजनक कार्य संबंध प्राप्त हुआ, जो उनके लिए सुखद अनुभव रहा।

प्रधानमंत्री और सांसदों को भी कहा धन्यवाद

धनखड़ ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद का भी आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा और उनके नेतृत्व में उन्होंने काफी कुछ सीखा। उन्होंने संसद सदस्यों द्वारा मिले स्नेह, विश्वास और अपनत्व को अपने जीवन की अमूल्य पूंजी बताया।

भारत की प्रगति से जुड़ना बताया सम्मान

अपने पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि भारत की आर्थिक और विकासात्मक उपलब्धियों का प्रत्यक्ष साक्षी बनना उनके लिए गर्व और संतोष का विषय रहा। उन्होंने देश के उज्ज्वल भविष्य में विश्वास जताया और कहा कि इस ऐतिहासिक दौर में उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा देना उनके जीवन का गौरवपूर्ण अनुभव रहा है।

दूसरी बार कार्यकाल के बीच में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा

भारत के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से उनकी तस्वीर भी हटा ली गई है। देश में यह दूसरा मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया हो। इससे पूर्व 1969 में वी. वी. गिरि ने स्वतंत्र रूप से राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था।

उत्तराखंड दौरे में बिगड़ी थी तबीयत

गत माह उत्तराखंड दौरे के दौरान धनखड़ की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। कुमाऊं विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के बाद उन्हें तत्काल चिकित्सकीय देखरेख में लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद वे राज्यपाल के साथ राजभवन लौटे थे।

2027 में होना था कार्यकाल समाप्त

धनखड़ ने कुछ समय पहले ही कहा था कि यदि स्वास्थ्य ठीक रहा तो वे अगस्त 2027 तक अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। पेशे से वकील रहे धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 को समाप्त होने वाला था।