महज 14 वर्ष की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट जगत में अपनी अलग पहचान बना ली है। इतनी कम उम्र में जिस तरह से वह लगातार बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर रहे हैं, उसने सभी का ध्यान खींचा है। आईपीएल, अंडर-19 क्रिकेट और इंडिया-ए जैसे मंचों पर दमदार प्रदर्शन कर चुके सूर्यवंशी ने हाल ही में विजय हजारे ट्रॉफी में केवल 36 गेंदों में शतक जड़ते हुए 190 रन की तूफानी पारी खेली थी।
वैभव के इसी शानदार प्रदर्शन का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक संबोधन में किया। पीएम मोदी ने इसे देश में खेल प्रतिभाओं के चयन में आए बदलाव का उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री ने प्रतिभा को बताया असली पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब देश में खिलाड़ियों का चयन किसी पहचान या सिफारिश के आधार पर नहीं, बल्कि केवल योग्यता और प्रतिभा के दम पर हो रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में हर बच्चे को आगे बढ़ने का समान अवसर मिल रहा है, चाहे वह किसी भी आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से आता हो।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले खेलों से जुड़े सिस्टम में कई तरह की खामियां थीं, लेकिन अब उनमें काफी हद तक सुधार हुआ है। आज कम उम्र के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं, जो इस बदले हुए माहौल का प्रमाण है।
सरकार देशभर से तलाश रही है खेल प्रतिभाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है। खेलो इंडिया, स्कूल गेम्स, यूथ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे आयोजनों के जरिए उभरते खिलाड़ियों की पहचान की जा रही है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीमें देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर नई प्रतिभाओं को खोज रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण, पोषण, फिटनेस और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है।
पीएम मोदी ने बताया कि 2014 से पहले जहां खेल बजट करीब 1200 करोड़ रुपये था, वहीं अब यह बढ़कर 3000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। इसके अलावा ‘टॉप्स योजना’ के तहत खिलाड़ियों को हर महीने 25 से 50 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री के अनुसार, इन प्रयासों का असर साफ दिख रहा है और देश में खेल संस्कृति लगातार मजबूत हो रही है।