पटना। बिहार की राजनीति में सोमवार का दिन अहम घटनाक्रमों का साक्षी बना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद 17वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी। बैठक समाप्त होते ही सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने का औपचारिक प्रस्ताव सौंप दिया। यह प्रस्ताव 19 नवंबर से प्रभावी माना जाएगा।
जेडीयू नेता विजय चौधरी ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री ने राजभवन जाकर सिफारिश राज्यपाल को सौंप दी है। वहीं मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि कैबिनेट ने सर्वसम्मति से विधानसभा भंग करने पर सहमति जताई है। नई सरकार का शपथ ग्रहण 20 नवंबर को निर्धारित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है।
कैबिनेट मीटिंग से पहले उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कुछ मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। इसके बाद सभी मंत्री सचिवालय गए, जहां सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रखी गई। सचिवालय परिसर और राजभवन के बाहर आम लोगों की आवाजाही पर रोक रही।
राजभवन से लौटने के बाद मुख्यमंत्री अपनी पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे, जहां उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुने जाने की उम्मीद है। मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और गुरुवार को नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी होगी। नीतीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।
गांधी मैदान में शपथ ग्रहण की तैयारियाँ तेज
शपथ ग्रहण समारोह के लिए गांधी मैदान में व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं। 17 से 20 नवंबर तक आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मैदान में करीब पाँच हजार वीवीआईपी अतिथियों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और विपक्ष के कई प्रमुख नेता शामिल हो सकते हैं।