Bihar में राष्ट्रीय जनता तांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान अपनी मांगों पर कायम हैं, वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

मांझी ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संकेत दिया कि भले ही उनकी पार्टी प्रारंभ में बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से आधी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन सहयोगियों के साथ टकराव से बचने के लिए वह 15 सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं।

उन्होंने इस संदेश को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘रश्मिरथी’ की पंक्तियों के जरिए पेश किया। मांझी ने लिखा, “हो न्याय अगर तो आधा दो। पर उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।” उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘ग्राम’ का अर्थ सीटों से है। उन्होंने आगे कहा, “हम खुशी से खाएंगे, परिजन पे आसी न उठाएंगे,” यानी HAM इन सीटों से संतुष्ट रहेगा और सहयोगियों के साथ संघर्ष नहीं करेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मांझी की यह चाल NDA सहयोगियों को आश्वस्त करने और सीट बंटवारे में सहमति बनाने की कोशिश मानी जा रही है। यह स्थिति आगे बिहार विधानसभा चुनाव में गठबंधन की रणनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।