पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में असफल प्रदर्शन के बाद जनसुराज पार्टी ने पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक अपने पूरे संगठन को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी संगठन को अगले डेढ़ माह के भीतर नए सिरे से तैयार किया जाएगा।
शनिवार को पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की मौजूदगी में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने की। हालांकि, नए संगठन के गठन तक भंग कमेटी अपनी जिम्मेदारियां जारी रखेगी।
पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को राज्य के 12 प्रमंडलों का दायित्व सौंपा है। इन नेताओं का काम अपने अधीनस्थ जिलों में प्रभावी और सक्रिय संगठनात्मक ढांचा तैयार करना होगा। इसके साथ ही यह टीम अपनी हार के कारणों की समीक्षा करेगी और अनुशासनहीनता या भीतरघात के लिए जिम्मेदार नेताओं की रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को सौंपेगी।
बैठक और आगामी कार्यक्रम
पार्टी के प्रवक्ता सैयद मसीहउद्दीन ने बताया कि यह निर्णय शेखपुरा हाउस में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लिया गया। 21 दिसंबर को पटना में पार्टी की सामान्य परिषद बुलाई जाएगी, जिसमें पार्टी नेतृत्व जिला प्रमुख नेताओं से चुनाव और संगठन संबंधी अनुभव साझा करेगा।
बैठक में कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:
-
पूर्व वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एस.के. सिंह
-
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह
-
वरिष्ठ अधिवक्ता वाई.वी. गिरि
-
पूर्व आईएएस अरविंद सिंह, एन.पी. मंडल, ललन यादव, ए.के. द्विवेदी
-
पूर्व आईपीएस आर.के. मिश्रा
-
पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना और पूर्व विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी
चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी पूरी तरह नाकाम रही। पार्टी को कुल साढ़े 3 फीसदी वोट ही मिले और लगभग 99 फीसदी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।