केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र चंदौली के शिवहर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 14 नवंबर दोपहर 1 बजे तक लालू यादव और राहुल गांधी की पार्टियों का सूपड़ा साफ हो जाएगा और राज्य में एनडीए की सरकार दोबारा बनने जा रही है। शाह ने कहा कि “महाठगबंधन में न नेता है, न नीति है, न नीयत है।”
महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की योजना का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “हम महिलाओं को 10 हजार रुपये रोजगार के लिए दे रहे हैं, लेकिन आरजेडी को इससे तकलीफ हो रही है। उनके सांसद सवाल कर रहे हैं कि पैसे क्यों बांटे जा रहे हैं। मैं साफ कहना चाहता हूं, किसी में इतना दम नहीं है कि महिलाओं को मिलने वाले पैसे रोक सके। आने वाले समय में हम इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये तक पहुंचाएंगे।”
गृहमंत्री ने बिहार के धार्मिक और पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “जिस दिन सीतामढ़ी में सीता माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उसी दिन सीतामढ़ी से अयोध्या तक वंदे भारत ट्रेन भी शुरू की जाएगी। इससे न केवल धार्मिक जुड़ाव बढ़ेगा, बल्कि बिहार के पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।”
शाह ने कांग्रेस और आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा, “महागठबंधन में किसी को यह भी नहीं पता कि कौन किस सीट से चुनाव लड़ रहा है। जबकि एनडीए की पांचों पार्टियां पांडवों की तरह एकजुट होकर सभी 243 सीटों पर मजबूती से मुकाबला कर रही हैं।”
राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा, “राहुल बाबा ने मोदी जी का अपमान करते-करते छठी मैया का भी अपमान कर दिया है। बिहार की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी। जब-जब मोदी जी का अपमान हुआ है, जनता ने जवाब वोट से दिया है, और इस बार भी वही होगा।”
शाह ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में बिहार को अभूतपूर्व आर्थिक सहयोग मिला है। उन्होंने बताया, “कांग्रेस के दस साल के शासन में बिहार को सिर्फ 2.8 लाख करोड़ रुपये मिले थे, जबकि मोदी सरकार ने दस साल में 18.7 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। यह फर्क बताता है कि कौन वास्तव में बिहार के विकास के लिए काम कर रहा है।”